दिल्ली। दिल्ली नगर निगम में आखिरकार आम आदमी पार्टी अपना पहला मेयर बनवाने में सफल रही। एमसीड द्वारा महापौर पद पर चुनाव कराने के तीन असफल प्रयासों के पश्चात सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बुधवार हुए चुनाव में आप उम्मीदवार शैली ओबरॉय ने बीजेपी की प्रत्याशी रेखा गुप्ता को हरा दिया।
मेयर पद के लिए हुए चुनाव में शैली ओबेरॉय को 150 और भाजपा उम्मीदवार रेखा गुप्ता को 116 वोट मिले। दिल्ली को 10 साल बाद महिला मेयर मिली है। 2011 में भाजपा की रजनी अब्बी आखिरी महिला मेयर थीं। इसके बाद 2012 में शीला दीक्षित सरकार में दिल्ली नगर निगम को 3 हिस्सों में बांटा गया था। 2022 में इन हिस्सों को मिलाकर फिर से एक कर दिया गया है। मेयर चुनाव में 241 पार्षद, 10 सांसद और 14 विधायकों ने वोट डाले। 9 कांग्रेस पार्षदों ने चुनाव में हिस्सा नहीं लिया।
इससे पहले 3 बार चुनाव नहीं हो सके
इससे पहले 3 बार मेयर चुनाव कराने की कोशिश की गई, लेकिन भाजपा और आप मेंबर्स के हंगामे के चलते ये नहीं हो सके। हंगामे की वजह LG वीके सक्सेना की ओर से मनोनीत 10 MCD सदस्यों को वोट देने की अनुमति का फैसला था। इसे लेकर AAP की मेयर प्रत्याशी शैली ओबेरॉय सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई थीं। इसमें मनोनीत पार्षदों को मेयर चुनाव में वोटिंग राइट देने के फैसले को चुनौती दी गई। 17 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने AAP के पक्ष में फैसला सुनाया था। 24 घंटों के अंदर नोटिस जारी करने के लिए कहा था। मेयर के साथ डिप्टी मेयर और स्थायी समिति के छह सदस्यों के लिए 6 जनवरी, 24 जनवरी और 6 फरवरी को 3 बार कोशिशें हुईं लेकिन हर बार भाजपा और AAP के हंगामे के बाद कार्यवाही स्थगित हो गई।
8 दिसंबर को आया MCD चुनाव का रिजल्ट, 15 साल बाद भाजपा बाहर हुई
दिल्ली में MCD चुनाव 4 दिसंबर को हुए थे, जबकि इनका रिजल्ट 8 दिसंबर को आया था। चुनाव में 15 साल बाद भाजपा को MCD में बहुमत नहीं मिला था। 250 सीट के सदन में मेयर बनने के लिए 138 वोट चाहिए थे।
‘सदन को संवैधानिक तरीके से चलाऊंगी’
चुनाव जीतने के बाद शैली ओबरॉय ने कहा, ‘मैं आप सभी को विश्वास दिलाती हूं कि मैं इस सदन को संवैधानिक तरीके से चलाऊंगी। मुझे उम्मीद है कि आप सभी सदन की गरिमा बनाए रखेंगे और इसके सुचारू संचालन में सहयोग करेंगे।’
‘धोखा देकर अपना मेयर बनाना चाहती थी बीजेपी’
AAP विधायक सौरभ भारद्वाज ने शैली ओबरॉय की जीत पर कहा, ‘गुंडागर्दी हार गई, जनता जीत गई, धोखा देकर अपना मेयर बनाना चाहती थी बीजेपी। मैं शैली ओबेरॉय को दिल्ली का मेयर चुने जाने पर बधाई देता हूं। अब अली इकबाल डिप्टी मेयर बनेंगे।’
‘गुंडे हार गए’
चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ट्वीट किया, ‘गुंडे हार गये, जनता जीत गई. दिल्ली नगर निगम में आम आदमी पार्टी का मेयर बनने पर सभी कार्यकर्ताओं को बहुत बधाई और दिल्ली की जनता का तहे दिल से एक बार फिर से आभार।आप की पहली मेयर शैली ओबरॉय को भी बहुत बहुत बधाई।’
2013 में AAP में शामिल हुईं शैली ओबेरॉय
शैली ओबेरॉय 2013 में एक कार्यकर्ता के रूप में आप में शामिल हुईं और 2020 तक पार्टी की महिला मोर्चा की उपाध्यक्ष रहीं। पहली बार पार्षद के रूप में उन्होंने पश्चिमी दिल्ली में भाजपा के गढ़ में जीत दर्ज की। शैली ने दिल्ली भाजपा के पूर्व प्रमुख आदेश गुप्ता के गृह क्षेत्र पूर्वी पटेल नगर से चुनाव लड़ा और अपनी प्रतिद्वंद्वी दीपाली कुमारी को 269 मतों से हराया।
दिल्ली यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर थीं शैली
39 साल की शैली ओबेरॉय दिल्ली यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर थीं। वह भारतीय वाणिज्य संघ की आजीवन सदस्य भी हैं। ओबेरॉय ने इग्नू के स्कूल ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज से प्रबंधन अध्ययन में पीएचडी की है। उनके नाम कई पुरस्कार और सम्मान हैं जो उन्हें विभिन्न सम्मेलनों में प्राप्त हुए।
ओबेरॉय विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों में सर्वश्रेष्ठ पेपर पुरस्कार की जीत चुकी हैं और उन्होंने ICA सम्मेलन में स्वर्ण पदक (प्रोफेसर मनुभाई शाह पुरस्कार) भी जीता है। उन्हें “मिस कमला रानी पुरस्कार” से भी सम्मानित किया गया है और वह कॉलेज में अधिकतम नंबरों के लिए स्कॉलरशिप धारक भी थीं।
दिल्ली और हिमाचल से पढ़ाई
शैली ओबेरॉय के पिता का नाम सतीश कुमार ओबेरॉय है। शैली दो बहन और एक भाई है, बहन का नाम मिली खन्ना और भाई का नाम तुषार ओबेरॉय है। उन्होंने पढ़ाई लिखाई दिल्ली और हिमाचल प्रदेश से किया। दिल्ली विश्वविद्यालय के जानकी देवी कॉलेज से बीकॉम तो हिमाचल विश्वविद्यालय से एमकॉम किया। इसके उन्होंने एमफिल और पीएचडी की डिग्री हासिल कर अलग-अलग शिक्षण संस्थानों में पढ़ाया। बिजनेस प्रबंधन के क्षेत्र में उनके कई शोध पत्र तमाम जनरल में छप चुके हैं।
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