मुंबई। उद्धव ठाकरे गुट ने शिवसेना का नाम और सिंबल जाने के बाद शिवसेना का ट्विटर हैंडल गायब हो गया है और शिवसेना की वेबसाइट बंद हो गयी है। ट्विटर हैंडल और वेबसाइट दोनों ही शिवसेना के नाम से थी, जिसे उद्धव ठाकरे गुट हैंडल करता था। चुनाव आयोग के फैसले के बाद यह कदम उठाया गया है।
चुनाव आयोग ने शुक्रवार को शिवसेना पार्टी के नाम और चिन्ह धनुष-बाण पर एकनाथ शिंदे के दावे को मंजूरी दे दी थी। इसके बाद ही ये बात सामने आई कि ठाकरे कैंप ने शिवसेना का ट्विटर हैंडल और शिवसेना की वेबसाइट दोनों को डिलीट कर दिया। हालाँकि ट्विटर हैंडल को डिलीट नहीं किया गया है बल्कि शिवसेना से अपना नाम बदलकर बदलकर शिवसेना यूबीटी कर दिया है। इसके बाद पार्टी के ट्विटर हैंडल को बदलकर @ShivsenaUBTComm कर दिया गया। उद्धव ठाकरे गुट की शिवसेना के ट्विटर अकाउंट से ब्लू टिक हट गया है।
ब्लू टिक क्यों हटा, क्या हैं ट्विटर के नियम
ट्विटर के नियमों के तहत अगर कोई वेरिफाइड यूजर अपना प्रोफाइल फोटो, डिस्प्ले नेम या यूजरनेम (@हैंडल) बदलता है तो ब्लू टिक हट जाएगा और दोबारा अकाउंट वैलिडेट होने तक उसमें ब्लूटिक नहीं दिखेगा। ऐसे में ब्लू टिक के लिए दोबारा अप्लाई करना होता है। उद्धव गुट की शिवसेना ने बीते दिनों में अपना प्रोफाइल फोटो और नाम बदला है इसलिए कयास लगाए जा रहे हैं कि ब्लू टिक जाने का यही कारण हो सकता है।
शिवसेना का बयान आया सामने
शिवसेना की आधिकारिक पार्टी वेबसाइट Shivsena.org भी शनिवार से काम नहीं कर रही है और पार्टी पदाधिकारी ने कहा कि वे वेबसाइट के डोमेन नाम को भी बदल सकते हैं। इस बीच, शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के वीकीपीडिया पेज में बदलाव किए गए। इस पर उद्धव ठाकरे को शिवसेना के पूर्व पार्टी अध्यक्ष बताया गया है। दक्षिण मध्य सांसद राहुल शेवाले को पार्टी नेता बताया गया है वहीं पार्टी अध्यक्ष पद को खाली दिखाया गया था।
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