कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर से समाजवादी पार्टी के विधायक इरफान सोलंकी को हाई कोर्ट से दोहरा झटका लगा है। कोर्ट ने उन्हें फर्जी आधार कार्ड में कोई राहत नहीं दी है। वहीं, आगजनी मामले में हाईकोर्ट पहले ही जमानत याचिका खारिज कर चुका है।
विधायक इरफान के खिलाफ ग्वालटोली थाने में दर्ज मामले में स्थानीय अदालत से जमानत अर्जी खारिज होने पर हाईकोर्ट में अपील की गई थी। 45 मिनट तक चली बहस में बचाव पक्ष ने तर्क दिया विधायक को फंसाया गया है। पुलिस के पास ठोस सबूत नहीं हैं। अभियोजन ने पक्ष रखा विधायक की जमानत होने से केस पर असर पड़ सकता है। जमानत न स्वीकार की जाए। न्यायमूर्ति ने दोनों जमानत का आधार न होने पर अर्जी निरस्त करने का आदेश दिया। अधिवक्ता गौरव दीक्षित ने कहा सुप्रीम कोर्ट में अपील की जाएगी।
इरफान पर आरोप है जाजमऊ में दर्ज आगजनी मामले में पुलिस से बचने को फर्जी आधार कार्ड से हवाई यात्रा की। इसकी एफआईआर में सपा नेत्री नूरी शौकत, नूरी के भाई अशरफ, ड्राइवर इलाही समेत 6 अन्य को आरोपित बनाया गया था। सभी की गिरफ्तारी भी हुई थी। इरफान को छोड़कर अन्य सभी आरोपितों को हाईकोर्ट से जमानत मिल चुकी है।
सपा विधायक इरफान सोलंकी पर विवादित प्लाट पर बनी झोपड़ी में आग लगाने, फर्जी आधार कार्ड से हवाई यात्रा करने, बांग्लादेशी नागरिक को प्रमाण पत्र देने, रंगदारी मांगने, मोरंग कारोबारी की 400 गज जमीन पर कब्जा करने, पुलिस से अभद्रता करने समेत गैंगेस्टर की कार्रवाई की गई है। पिछले दो महीनों में इरफान सोलंकी पर 6 मुकदमे दर्ज हुए हैं। इसके साथ ही इरफान पर मुकदमों संख्या बढ़कर 17 हो गई है। पुलिस ने गैंगेस्टर की कार्रवाई में विधायक इरफान सोलंकी, भाई रिजवान सोलंकी, विधायक के गुर्गे हिस्ट्रीशीटर इजराइल आटे वाला, शौकत अली, मोहम्मद शरीफ को आरोपी बनाया था। इरफान को इस गैंग का लीडर बनाया था।
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