नई दिल्ली। भारत सरकार ने खालिस्तान टाइगर फोर्स (केटीएफ) और जम्मू-कश्मीर गजनवी फोर्स (जेकेजीएफ) को शुक्रवार को आतंकवादी संगठन घोषित किया है। साथ ही हरविंदर सिंह संधू उर्फ रिंडा को भी आतंकवादी घोषित किया है। यह फैसला केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के गृह मंत्रालय (एमएचए) ने लिया।
खालिस्तान टाइगर फोर्स (केटीएफ) एक उग्रवादी संगठन है और इसका उद्देश्य पंजाब में आतंकवाद को पुनर्जीवित करना है और भारत की क्षेत्रीय अखंडता, एकता, राष्ट्रीय सुरक्षा और संप्रभुता को चुनौती देना है। इस आतंकी संगठन का मकसद पंजाब में टारगेट किलिंग सहित आतंकवाद के विभिन्न कृत्यों को बढ़ावा देना है। वहीं ‘जम्मू एंड कश्मीर गजनवी फोर्स का गठन लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकवादी संगठनों के आतंकवादियों को लेकर किया गया है। गृह मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार, जेकेजीएफ जम्मू कश्मीर में घुसपैठ प्रयासों, मादक पदार्थों एवं हथियारों की तस्करी, आतंकवादी हमले करने और सुरक्षाबलों को नियमित रूप से धमकियां देने मे शामिल रहा है।
यह संगठन भारत के विरूद्ध आतंकवादी संगठनों से जुड़ने के लिए जम्मू कश्मीर के लोगों को उकसाने के वास्ते सोशल मीडिया मंचों का इस्तेमाल भी करता रहा है। अधिसूचना के मुताबिक, गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनयम (यूएपीए) के तहत प्राप्त शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए जेकेजीएफ को आतंकवादी संगठन घोषित किया गया है।
बब्बर खालसा का रिंडा आतंकवादी घोषित
इसके अलावा, केंद्र सरकार ने पाकिस्तान में रह रहे और बब्बर खालसा इंटरनेशनल से जुड़े हरविंदर सिंह संधू उर्फ रिंडा को आतंकवादी घोषित किया है। मंत्रालय ने कहा कि संधू बब्बर खालसा इंटरनेशनल से जुड़ा है और वर्तमान में सीमा पार एजेंसियों के संरक्षण में लाहौर में रह रहा हैं। वह अब यूएपीए की चौथी अनुसूची में 54 नामित आतंकवादी है।
हरविंदर सिंह संधू उर्फ रिंडा पंजाब के तरन तारन का रहने वाला है। लेकिन वह बाद में महाराष्ट्र के नांदेड़ साहेब शिफ्ट हो गया था। वहां से भागकर वह पाकिस्तान में छिप गया। फिलहाल रिंडा अभी पाकिस्तान से अपने नापाक मंसूबों को अंजाम देने में लगा है। वह फेक पासपोर्ट के जरिए नेपाल होते हुए पाकिस्तान पहुंचा था। रिंडा को सितंबर 2011 में तरन तारन में एक युवक की मौत के मामले में उम्रकैद की सजा हुई थी।
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