लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ का नाम बदले जाने की मांग के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहली बार इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, ‘हम नाम बदलने के पहले पूर्व घोषणा नहीं करते हैं. जब करना होगा तो दमदार तरीके से ही करेंगे।’
एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में सीएम योगी ने कहा कि भारत का कोई व्यक्ति हज के लिए जाता है, तो उसका संबोधन हिंदू से होता है। वो हिंदू नाम से जाना जाता है। वहां भारत से जाने वाले शख्स को न मुस्लिम और न हाजी कहा जाता है। वहां उसको हिंदू नाम से संबोधित किया जाता है तो वहां किसी को परेशानी नहीं होती है। इस परिप्रेक्ष्य में में अगर आप देखें तो भारत हिंदू राष्ट्र ही है। योगी ने कहा कि हिंदू राष्ट्र से किसी को परहेज नहीं होना चाहिए। अगर आप इसको मजहब या संप्रदाय के साथ जोड़ रहे हैं तो इसका मतलब है कि हिंदू की परिभाषा को समझने में गलती कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत हिंदू राष्ट्र था, है और आगे भी रहेगा।
उन्होंने कहा कि संविधान के प्रति हर नागरिक के मन में सर्वोच्च सम्मान होना चाहिए, क्योंकि वही हमारा मार्गदर्शक है। सीएम योगी ने कानपुर की घटना पर कहा कि ये दुखद घटना है और मामले की जांच की जा रही है। इस मामले में रिपोर्ट के बाद दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।
लखनऊ का नाम बदलकर लक्ष्मण नगरी करने की मांग पर योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हम नाम बदलने की पूर्व घोषणा नहीं करते हैं। जब करना होगा, तो दमदार तरीके से ही करेंगे। लखनऊ अपने आप में एक ऐतिहासिक नाम है। लखनऊ हमारे प्रदेश की राजधानी है। इसकी पहचान पौराणिक भी है। इसलिए अभी लखनऊ के रूप में जाना जा रहा है। इसका नाम अभी लखनऊ ही रहेगा। लखनऊ का नाम लाखन पासी वाले सुझाव पर कहा कि लाखन पासी एक पराक्रमी राजा थे। बेगम हजरत महल 1857 की क्रांति की बहुत बड़ी वीरांगना थीं। लखनऊ की परंपरा पुरानी और एतिहासिक रही है।
रामचरित मानस पर सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर योगी ने कहा कि जिन लोगों ने रामचरित मानस और भगवान श्रीराम के बारे में कुछ जाना नहीं है, उनकी इस तरह की टिप्पणी को सूरज को टॉर्च दिखाने जैसा है। मानस में निषाद-राज पर चर्चा है, महिला के रूप में शबरी की भी चर्चा है। अगर इन लोगों ने रामचरित मानस को पढ़ा होता तो इस तरह की बातें नहीं करते।
यह पूछे जाने पर कि अखिलेश यादव कह रहे हैं कि आपके (योगी के) राज में ब्राह्मणों को प्रताड़ित किया जा रहा है, इस पर सीएम योगी ने कहा कि उन्होंने अपने संस्कारों को प्रदर्शित किया है। जिन लोगों ने रामचरित मानस की प्रतियां फाड़ी हैं, वे क्या उपदेश देंगे।
बीजेपी सांसद ने की नाम बदलने की मांग
बता दें बीजेपी सांसद संगम लाल गुप्ता ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर लखनऊ का नाम लखनपुर या लक्ष्मणपुर करने की मांग की है। उनका कहना है कि 18वीं सदी में नवाब असफुद्दौला ने इस शहर का नाम बदलकर लखनऊ कर दिया था। प्रतापगढ़ से सांसद गुप्ता ने दावा किया कि भगवान राम ने यह नगर अपने भाई लक्ष्मण को सौंपा था और इसे लखनपुर या लक्ष्मणपुर के नाम से जाना जाता था।
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