गाजियाबाद। राजनगर एक्सटेंशन की रिवर हाइट्स सोसाइटी में स्ट्रीट डॉग को लेकर विवाद ने नया मोड़ ले लिया है। पीपल्स फॉर एनिमल संस्था ने सोसाइटी में पिंजरे में कैद स्ट्रीट डॉग्स को आजाद कराने की मांग की है। संस्था का कहना है स्ट्रीट डॉग्स को कैद करना सुप्रीम कोर्ट की भी रूलिंग के खिलाफ है।
एनिमल लवर संस्था के सदस्यों ने मुंसिपल कमिश्नर और अन्य अधिकारियों से मुलाकात करके कुत्तों को तुरंत आजाद कराने के लिए आग्रह किया। उनको बताया गया कि कुत्तों को ताला लगाकर रखना गैर कानूनी अपराध है। सोसायटी के अध्यक्ष ने कुत्तों को उठाकर अपनी सोसाइटी के पीछे नगर निगम की मदद से कैद करा दिया है। हालांकि आरडब्लूए अध्यक्ष का कहना है कि कुत्तों को खाना दिया जा रहा है। वहीं, पीएफए अध्यक्ष सुरभि रावत ने बताया कि किसी जानवर की आजादी छीनना गलत है। एनिमल लवर्स का कहन है कि अगर जानवर की तरह किसी भी इंसान को कैद कर दिया जाए और उसको अच्छा खाना दिया जाए तो ये उसकी स्वतंत्रता का हनन है।
जल्द फैसला लूंगा
मुंसिपल कमिश्नर ने बुधवार शाम तक कुत्तों को आजाद कराने के विषय में फैसला लेने के लिए के लिए आश्वासन दिया है। इस मौके पर पीएफए की आशिमा सुनील, आंचल शर्मा, सुमित गौतम, सुनीता भाटिया, शीनू गुप्ता, अंकुर, स्वास्तिक, पूनम, अंजू, मोहन, दीपक, योगेश आदि मौजूद रहे।
गौरतलब है कि रिवर हाइट्स सोसाइटी में बीते दिनों काफी बवाल हुआ था। सोसायटी के लोगों ने 11 जनवरी को कुछ स्ट्रीट डॉग्स को पकड़कर दूर स्थान पर री-लोकेट करवा दिया गया। इस दौरान सोसाइटी में रहने वाली एनिमल लवर पूनम कश्यप पहुंच गईं। उन्होंने इस कार्रवाई का विरोध किया। इसके बाद एनिमल के लिए काम करने वाली संस्था पीपल्स फॉर एनिमल्स (PFA) की अध्यक्ष सुरभी रावत भी वहां पहुंच गईं। स्ट्रीट डॉग्स को लेकर दोनों पक्षों में कहासुनी, हाथापाई और फिर मारपीट हुई।
इस घटना के बाद से सोसाइटी के लोगों ने स्ट्रीट डॉग के खिलाफ आंदोलन शुरू कर दिया है और धरने पर बैठ गए। 16 दिनों तक धरना प्रदर्शन किया गया था। सोसाइटी में कुत्तों के हमलो के विरुद्ध कैंडल मार्च भी निकाला गया था। धरना प्रदर्शन में राजनगर की कई हाउसिंग सोसायटियों के एओए और आरडब्ल्यूए के लोग शामिल थे।
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