नई दिल्ली। ब्रिटिश सांसद बॉब ब्लैकमैन ने मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बनी बीबीसी डॉक्यूमेंट्री पूरी तरह से बढ़ा-चढ़ाकर पेश की गई है। ब्लैकमैन ने कहा कि दो-भाग की श्रृंखला खराब पत्रकारिता का परिणाम है, खराब शोध किया गया है और पूरी तरह से अनुचित है। उन्होंने कहा कि बीबीसी ब्रिटिश सरकार का रुख नहीं जाहिर करता। उन्होंने भारत को ब्रिटेन का सच्चा दोस्त बताया।
न्यूज18 से बात करते हुए बॉब ब्लैकमैन ने कहा, “बीबीसी ब्रिटिश सरकार के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करता है। डॉक्यूमेंट्री एक हैचेट जॉब है।” ब्लैकमैन ने कहा, ‘बीबीसी ब्रिटश सरकार के विचारों को नहीं दिखाता है।’ ब्लैकमैन ने कहा कि यह सीरीज ‘खराब पत्रकारिता का नताजी है, जहां खराब तरह से रिसर्च की गई है और पूरी अनुचित है।’
इससे पहले जनवरी में हाउस ऑफ लॉर्ड्स के सदस्य लॉर्ड रामी रेंजर भी डॉक्युमेंट्री को लेकर बीबीसी पर भड़के थे। उन्होंने कहा था, ‘बीबीसी आपने करोड़ों भारतीयों को दुख पहुंचाया है। यह लोकतांत्रिक तरीके से चुने गए भारत के प्रधानमंत्री, भारतीय पुलिस और भारतीय न्यायपालिका का अपमान करता है। हम दंगों और जनहानि की निंदा करते हैं और आपकी भेदभाव से भरी रिपोर्टिंग की भी निंदा करते हैं।’
भारत में जमकर हुआ विवाद
भारत सरकार ने इसे ‘प्रोपेगैंडा पीस’ बताया था। साथ ही जनवरी में इसके प्रसारण पर रोक लगा दी थी। इसके बाद सड़क से लेकर संसद तक जमकर विवाद खड़ा हो गया था। तृणमूल कांग्रेस, कांग्रेस समेत कई दल प्रसारण पर रोक लगाने के खिलाफ सवाल उठा रहे थे। वहीं, राजधानी दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय समेत कई शिक्षण संस्थानों में डॉक्युमेंट्री के प्रदर्शन पर तनाव की स्थिति बन गई थी।
SC ने किया बैन से इनकार
सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में भारत में बीबीसी के काम करने पर रोक लगाने की मांग की गई थी। शुक्रवार को शीर्ष न्यायलय ने याचिका को खारिज कर दिया था। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस एमएम सुंदरेश की बेंच ने कहा था कि कोर्ट सेंसरशिप नहीं लगा सकता। याचिकाकर्ता ने साथ ही NIA जांच की मांग की थी।
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