पीएम मोदी के खिलाफ टिप्पणी मामले में राहुल गांधी को नोटिस, लोकसभा सचिवालय ने मांगा जवाब

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नई दिल्ली। लोकसभा सचिवालय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबंध में टिप्पणी को लेकर विशेषाधिकार हनन के नोटिस पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी से 15 फरवरी तक जवाब तलब किया है। सचिवालय ने गांधी को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्यों की ओर से दिए गए विशेषाधिकार हनन नोटिस पर जवाब देने को कहा है।

लोकसभा सचिवालय ने राहुल गांधी से संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर उनकी टिप्पणी के संबंध में भाजपा द्वारा एक नोटिस का जवाब देने के लिए कहा गया है। राहुल गांधी ने इस सप्ताह की शुरुआत में राष्ट्रपति के अभिभाषण के मोशन ऑफ थैंक्स पर एक बहस में भाग लेते हुए अरबपति गौतम अडानी के साथ उनके संबंधों पर सवाल उठाते हुए पीएम मोदी पर निशाना साधा था। 2014 में भाजपा के सत्ता में आने के बाद अडानी की संपत्ति में जबरदस्त वृद्धि का हवाला देते हुए राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री पर क्रोनी पूंजीवाद का आरोप लगाया था।

भाजपा ने आरोप लगाया है कि उनकी टिप्पणियां अवमाननापूर्ण, असंसदीय और भ्रामक थीं। पार्टी ने कांग्रेस शासित राजस्थान और अन्य विपक्षी शासित राज्यों में अडानी के व्यापारिक हितों की ओर भी ध्यान दिलाया। बुधवार को निशिकांत दुबे ने राहुल गांधी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस देते हुए स्पीकर ओम बिरला को पत्र लिखा। उनके नोट ने राहुल गांधी पर पीएम मोदी पर बिना किसी “दस्तावेजी सबूत” और “सदन को गुमराह करने” का आरोप लगाने का आरोप लगाया।

टिप्पणियों को सदन की कार्यवाही से हटा दिया था
भाजपा नेताओं ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को भेजे अपने नोटिस में आरोप लगाया है कि गांधी की टिप्पणी निराधार थी और उन्होंने ‘घृणित, असंसदीय और अपमानजनक’ आरोप लगाए। राहुल गांधी की ओर से की गई कई टिप्पणियों को अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही से हटा दिया था।

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