चित्रकूट। चित्रकूट जिला जेल के सुरक्षा तंत्र में एक बार फिर बड़ी लापरवाही सामने आई। शुक्रवार देर रात डीएम और एसपी ने एक साथ जेल में छापा मारा तो यहां अब्बास के साथ पत्नी निखत भी मौजूद थी। फिलहाल निकहत अंसारी को गिरफ्तार कर लिया गया है। जांच में पता चला है कि निकहत रोज तीन-चार घंटे जेल में रहती थी। इस मामले में चित्रकूट जेल अधीक्षक अनिल सागर को सस्पेंड कर दिया गया है। इसके साथ ही जेलर संतोष कुमार, डिप्टी जेलर पीयूष पांडे और 5 बंदी रक्षक सस्पेंड किए गए हैं।
बांदा जेल में बंद माफिया डॉन मुख्तार अंसारी का विधायक बेटा अब्बास अंसारी 18 नवंबर से जिला कारागार रगौली में बंद है। अब्बास अंसारी की पत्नी निकहत अंसारी कई दिन से लगातार पति से जेल पहुंचकर चोरी-छिपे मुलाकात कर रही थी, उनकी मुलाकात जेल के जिम्मेदार अधिकारी करा रहे थे। चौकी इंचार्ज के अनुसार उनको इसकी सूचना मिली थी कि निकहत रोज तीन-चार घंटे जेल में रहती है। इसकी जानकारी उन्होंने उच्च अधिकारियों को दी।
शुक्रवार दोपहर बाद डीएम और एसपी ने अचानक जेल पहुंच कर छापा मारा। वहां अब्बास अपने बैरक में नहीं मिला, जेल अधिकारियों ने भी उच्च आधिकारियों को गुमराह किया। इसी बीच अफसरों को पता चला क्या अब्बास जेल अधीक्षक कार्यालय के बगल में मौजूद एक कमरे में है। अफसर वहां पहुंचे और कमरे को खुलवाया तो अंदर अब्बास अंसारी की पत्नी निखत बानो मौजूद थी।
जेल के कर्मचारी अब्बास अंसारी को बैरक लेकर निकले
पूछताछ में सामने आया कि कुछ देर पहले ही अब्बास अंसारी को जेल के कर्मचारी यहां से बैरक लेकर निकल गए। बानो के पास मौजूद एक बैग की जब पुलिस ने तलाशी ली तो उसमें दो मोबाइल फोन और कुछ जेवरात के साथ 21 हजार रुपये और 12 रियाल बरामद हुए। पुलिस की पूछताछ में निखत बानो ने बताया कि अब्बास अंसारी अपने खिलाफ दर्ज मुकदमों से संबंधित विभिन्न पुलिस अधिकारियों, गवाहों, अभियोजन अधिकारियो की हत्या की योजना बना रहा है। वह उन्हें पक्षद्रोही होने के लिए धमकाता है इसके अलावा उसके फोन से ही कई बार रंगदारी भी वसूली गई है।
इन धाराओं में दर्ज हुआ मुकदमा, जांच शुरू
मामले में पुलिस ने निखत बानो नियाज को गिरफ्तार करने के साथ उसके समेत अब्बास अंसारी, जेल अधीक्षक अशोक कुमार सागर, उप जेल अधीक्षक सुशील कुमार, जेल आरक्षी जगमोहन और जेल के अन्य ड्यूटी पर तैनात आरक्षी के खिलाफ आईपीसी की धारा 387, 222, 186, 506, 201, 120 (बी), 195(ए), 34 आईपीसी और 42बी, 54 प्रिजनर्स एक्ट के साथ 7 सीएलए एक्ट, 7/8/13 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की है।
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