भारत को विश्व गुरु बनाने के लिए अहंकार छोड़ सब साथ आएं: भागवत

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भागलपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने शुक्रवार को कहा कि भारत को ‘विश्व गुरु’ बनाने के लिए देश में सभी लोगों को सामूहिक रूप से काम करना होगा। लोगों को अहंकार करने से बचना चाहिए और भौतिकवाद से दूर रहना चाहिए।

भागलपुर में कुप्पा घाट स्थित संत महर्षि मेंही आश्रम में नवनिर्मित सतगुरु निवास का लोकार्पण करने के बाद एक सभा को संबोधित करते हुए भागवत ने कहा, ‘‘संतों की प्राचीन शिक्षाओं का पहले घर में अनुसरण करना चाहिए और बाद में बाहर प्रचार करना चाहिए। हमारे संतों के उपदेशों को सबसे पहले अपने दैनिक जीवन में उतारना चाहिए… यही प्राथमिकता होनी चाहिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘भारत को ‘विश्व गुरु’ बनाने के लिए साधु-संतों सहित हम सभी को सामूहिक रूप से काम करने की आवश्यकता है।’’

उन्होंने लोगों को हमेशा सच बोलने की सलाह दी। सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा कि आत्मा शाश्वत है, अमर है। आत्मा ही आंखों से सब कुछ देखती है। यही अंतिम सत्य है। भौतिक जीवन सुखी बनाना है तो सत्य पर अटल रहो। सत्य वह है जो मनुष्य के अस्तित्व को कायम रखता है। हम सबके अंदर यह गुण छिपा है। अपने आपको प्रेरित करने से ही जीवन सार्थक होगा। केवल अपना ही नहीं दूसरे का जीवन भी सार्थक होगा। तभी हम भारतवासी अक्षुण्ण रह सकेंगे। बाद में भागवत ने भागलपुर और बांका जिलों के आरएसएस कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की।

शुक्रवार सुबह राजधानी ट्रेन से नौगछिया स्टेशन पर आए। वहां से महर्षि मेही आश्रम और वहां से आनंदराम ढाँढनिया सरस्वती शिशु मंदिर में आकर प्रार्थना सभा में शामिल हुए। राष्ट्रीय स्वयं सेवक के कार्यकर्ताओं से बातचीत की। फिर शाम चार बजे नौगछिया स्टेशन पहुंच राजधानी ट्रेन से रवाना हो गए। इस दौरान जिला प्रशासन ने चाकचौबंद सुरक्षा इंतजाम किया था। इससे पहले सरसंघचालक ने महर्षि मेही आश्रम की प्रकाशित पुस्तक “महर्षि मेही एक विचार एक व्यक्तित्व” का लोकार्पण और आश्रम में पौधरोपण भी किया।

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