गाजियाबाद। मसूरी थानाक्षेत्र में एक युवक ने झगड़े के बाद माँ-बाप की डांट से बचने के लिए अपने अपहरण की झूठी कहानी रच दी। उसने परिजनों को रिकॉर्डिंग भेजकर बताया कि तीन युवकों ने उसका अपहरण कर लिया है और अज्ञात जगह पर रखा हुआ है। पुलिस ने केस दर्ज कर युवक की तलाश शुरू कर दी। युवक मेरठ में अपने मामा के यहां पहुंच गया, जहां से पुलिस ने उसे बरामद कर लिया।
नाहल गांव निवासी ब्रह्मपाल ने बुधवार को मसूरी थाने में अपने बेटे सनी (20) की गुमशुदगी दर्ज कराई थी। छपरौला में मोटर साइकिल के कलपुर्जे बनाने वाली कंपनी में काम करने वाले सनी ने परिजनों को रिकॉर्डिंग भेजकर बताया कि तीन लोगों ने उसका अपहरण कर लिया है। उसने दिल्ली रेलवे स्टेशन के पास की लोकेशन भी भेजी। इसके बाद पुलिस ने मुकदमा अपहरण की धाराओं में तरमीम कर उसकी बरामदगी के लिए तीन टीमें लगाईं।
एसीपी मसूरी निमिष पाटिल ने बताया कि सर्विलांस से मिली लोकेशन के आधार पर टीमों को तीन स्थानों पर भेजा गया। पुलिस का कहना है कि सनी की लोकेशन दिल्ली से मथुरा-वृंदावन आई थी। लोकेशन के आधार पर पीछा करते हुए पुलिस ने शुक्रवार को उसे मेरठ के किठौर में ननिहाल से बरामद कर लिया गया।
परिजनों के डर से चला गया था युवक
एसीपी मसूरी का कहना है कि सनी ने वृंदावन में जाकर मोबाइल स्विच ऑफ कर लिया था। पुलिस टीम ने वहां के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज देखी तो उसमें सनी अकेला दिखाई दिया। वह प्रेम मंदिर भी गया था। पूछताछ में युवक ने बताया कि आठ फरवरी की रात को उसका पड़ोसियों से झगड़ा हो गया था। परिजनों के डर से वह घर से चला गया था। वह पहले दिल्ली पहुंचा और फिर मथुरा में प्रेम मंदिर, वृंदावन में घूमते हुए मेरठ में अपनी ननिहाल पहुंच गया। परिजन उसकी पिटाई करेंगे, इसके डर से उसने उन्हें खुद के अपहरण और बंधक बनाकर रखने का झूठा मैसेज भेज दिया। पुलिस का कहना है कि युवक को परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया है।
सनी के अपहरण की सूचना से योगेंद्र भी डर गया
सनी का पड़ोस में रहने वाले योगेंद्र से झगड़ा हुआ था। इसके बाद उसके अपहरण की सूचना पर परिजनों ने उसके घर जाकर पूछताछ की तो योगेंद्र भी डर गया। योगेंद्र भी बिना परिजनों को बताए अपनी बुआ के पास बुलंदशहर चला गया था। शुक्रवार को सनी के बरामद हो जाने पर योगेंद्र ने चैन की सांस ली और वह घर लौट आया।
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