गाजियाबाद। जिला कोर्ट से रेस्क्यू किए गए तेंदुए को लेकर गुरुवार को वन विभाग की टीम शिवालिक रेंज पहुंची और उसे वहां वन क्षेत्र में छोड़ दिया गया। बुधवार को तेंदुआ कोर्ट परिसर में पहुंच गया था और दस लोगों को घायल किया था। सीसीटीवी फुटेज से पता चला है कि तेंदुआ कोर्ट परिसर में हमले से एक दिन पहले ही आ चुका था और करीब 14 घंटे बाद आक्रामक हुआ।
कोर्ट प्रबंधक मनोज कुमार मिश्रा ने बताया कि अदालत में लगे सीसीटीवी कैमरे में 2:30 बजे अदालत परिसर में आता हुई दिखाई दिया। पीएसी कैंप के सामने बनी सीढ़ियों का शटर खुला रहता है, क्योंकि हर समय वहां पर पीएसी का पहरा रहता है। तेंदुआ पीएसी के जवानों की तरफ नहीं गया वह सीधे सीढ़ियों के रास्ते ऊपर चला गया। छत पर जाने का दरवाजा बंद होने से वापस आकर तीसरे तल पर गैलरी में चक्कर लगाने के बाद फिर ऊपर सीढ़ियों पर जाकर सो गया।
कोर्ट परिसर में बुधवार शाम 4 बजे लोगों की नजर तेंदुए पर पड़ी। इसके बाद वो आक्रामक होता चला गया और 10 लोगों पर हमला किया। 5 घंटे मशक्कत के बाद बुधवार रात करीब 9 बजे उसको पकड़ा जा सका। गुरुवार दोपहर बाद इस तेंदुए को शिवालिक रेंज में ले जाया गया। सहारनपुर जिले की बड़कला रेंज के करौंदी जंगल में तेंदुए को छोड़ दिया गया है।
सामाजिक एवं वानिकी प्रभागीय निदेशक मनीष सिंह ने बताया कि रात में कचहरी से लाने के बाद डॉ. एके सिंह ने उसके चोट का इलाज किया। खाने के लिए दो कटे हुए मुर्गे और पानी देने के बाद पिजड़ा अंधेरे में रखा गया। रात डेढ़ बजे वह सो गया था।
गुरुवार की सुबह तेंदुए को खाने के लिए दो मुर्गे दिए गए। जांच के बाद वह स्वस्थ पाया गया। शाम 4:30 बजे शिवालिक वन रेंज के तीन और डॉक्टरों ने तेंदुए की जांच की, उसके बाद उसे छोड़ दिया गया। तेंदुए को छोड़ने के दौरान वन क्षेत्राधिकारी विकास संतोरिया, डॉ. एके सिंह सहित वन विभाग के पांच अन्य स्टाफ मौजूद रहे।
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