औरंगाबाद। बिहार की राजधानी पटना की वन साइडेड लवर पिंकी ने वैलेंटाइन वीक पर उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को चिट्ठी लिखी है। चिट्ठी में बिहार सरकार के सिस्टम से हो रही परेशानी और बेरोजगारी पर व्यंग्य के जरिये कटाक्ष किया है। यह पत्र सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा है।
यह चिट्ठी मूलतः बिहार के औरंगाबाद के रहने वाले एक लेखक प्रभात बांधूल्य को मेल के जरिये भेजी गयी है, प्रभात ने बीएचयू के लॉ स्कूल से पढ़ाई की है। वे ‘बनारस वाला इश्क’ उपन्यास के लेखक भी हैं। प्रभात पिछले दो साल से टीवी सीरियल और फिल्म की स्टोरी लिख रहे हैं। प्रभात बांधूल्य ने अपने फेसबुक पेज से पिंकी के लिए एक के बाद एक 4 पोस्ट किए हैं। उन्होंने लिखा है कि लव लेटर जब दूसरे को भेजना था, तो मुझे क्यों भेज दी। प्रभात बांधूल्य पिंकी नाम की किसी लड़की से दोस्ती से इंकार कर रहे हैं।
चिट्ठी में लिखा है –
‘डियर तेजस्वी जी, उप मुख्यमंत्री बिहार,
आपको पता है मैं अभी बड़ी टेंशन में हूं। आप तो लव मैरिज कर के कर लिए, लेकिन मेरे मैरिज पर बेरोजगारी का अड़चन लगल है। 4 साल से प्रभात बन्धुल्या से वन साइडेड अफेयर में हैं। अफेयर के उमर में करंट अफेयर पढ़ रहे हैं। सोचे थे नौकरी लगेगा तो प्रपोज करूंगी, लेकिन नौकरी तो लगने से रहा, एक तो वैकेंसी नहीं आता है और वैकेंसी आता भी है तो पेपर लीक हो जाता है। ई सब देखते देखते लगता है इहो वैलेंटाइन ऐसे ही पार हो जाएगा और हम प्रपोज भी नहीं कर पाएंगे।’
‘हम इधर कंपटीशन की तैयारी में लगल हैं और बाबू जी मने मन बियाह के तैयारी में लागल हैं। हमरी सब सहेली का तो बच्चा भी हो गया ब्याह के बाद। मन बहुत मायूस हो रहा है सब सोच के। बड़ी उम्मीद से चिट्ठी लिख रही हूं। नौकरी का जुगाड़ लगवाइए नहीं तो लेखक साहब किसी और जुगाड़ के साथ फरार हो जाएंगे। प्यार बिना नौकरी के लेकर क्या करेंगे।
आपकी वोटर और लेखक प्रभात बांधुल्य की वन साइडेड लव पिंकी (फ्रॉम पटना) स्नेह आभार।’
पिंकी को नहीं जानते, उनसे बेरोजगारी का दर्ज बयान किया
प्रभात की लिखी दो पुस्तके बेहद चर्चित रही है। एक ‘बनारस वाला इश्क’ जो वामपंथ और दक्षिणपंथ की विचारधारा के युवक-युवती की प्रेम कहानी है। दूसरी ‘यू कैन कॉल मी काफिर’ है। इसके अलावा ‘कलटू और मैना’ नाम से एक उपन्यास भी लिखा है। उन्होंने चर्चित टीवी सीरियल निर्मात्री एकता कपूर के धारावाहिकों के लिए पटकथाएं भी लिखी है। प्रभात की एक शॉर्ट फिल्म ‘फिक्स रेट’ भी आई है। इस फिल्म की कहानी बिहार के पंचायती राज सिस्टम की पोल खोलनेवाली है। यह फिल्म सिस्टम के करप्शन को दिखाती है कि बिना दो हजार का खाना (घुस) दिए पाखाना (शौचालय) तक नहीं बनता है।
रभात ने कहा कि वे पिंकी को नहीं जानते है लेकिन उसने मेरा नाम लेकर तेजस्वी को लिखे चिट्टी में जिस बेरोजगारी के दर्द को बयान किया है, वह उसकी तारीफ करते है। वह मेरे बहाने तेजस्वी तक पहुंचना चाहती है। तेजस्वी से उसे उम्मीदें हैं। उसकी उम्मीदें पूरी होनी भी चाहिए क्योंकि यह उम्मीद सिर्फ पिंकी की नहीं, पूरे बिहार के बेरोजगारों की है। पिंकी को पहले प्रेम की नहीं बल्कि रोजगार की जरूरत है। उन्होंने कहा कि वे औरंगाबाद से हैं। इसी औरंगाबाद ने उन्हें यहां की सभी 6 की 6 विधानसभा सीटें दी हैं। उनके चुनावी कैम्पेन में वें भी शरीक रहे हैं। इस नाते औरंगाबाद के बेरोजगारों को तेजस्वी से कुछ ज्यादा ही उम्मीदें हैं।
उन्होंने कहा कि तेजस्वी ने भी प्रेम विवाह ही किया है। इस नाते प्रेमियों की उम्मीद पूरा करना भी उनका नैतिक कर्तव्य बनता है। प्रियंका को वे बेरोजगारों का प्रतीक मान रहे हैं। इस नाते वे भी प्रियंका समेत उसके जैसे बिहार के तमाम बेरोजगारों को रोजगार देने की गुहार एक कलाकार के रूप में तेजस्वी से लगाएंगे। उन्होंने कहा कि मेरे लिए प्रियंका के प्रपोज के मायने नहीं हैं क्योंकि मैं खुद रिलेशनशिप में हूं। इस कारण ऐसी कोई संभावना नहीं है।
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