गाजियाबाद। गाजियाबाद के न्यायालय परिसर में अचानक उस वक्त भगदड़ मच गई जब लोगों ने अदालत परिसर में एक तेंदुए को देखा। तेंदुए के सामने जो भी आया वह उन पर झपटकर पंजे और दांतों से हमला कर बुरी तरह जख्मी कर दिया। जिसमे 10 लोग लहूलुहान हो गए। करीब 5 घंटे बाद उसे वन विभाग की टीम ने बेहोश करके पकड़ लिया। लोगों ने किसी तरह अपनी जान बचाई।
तेंदुए के हमले में सहायक शासकीय अधिवक्ता प्रमोद तंवर, अधिवक्ता मोदीनगर निवासी जितेंद्र कुमार व अचिन, ड्यूटी पर तैनात हेड कांस्टेबल विकास कुमार, कुशलिया निवासी अशरफ खान, जहीर खान व तनवीर खान, राम पार्क एक्सटेंशन निवासी रामावती, बूट पॉलिश करने वाला सलीम, रेड एपल ग्रुप का मालिक नमन जैन घायल हुए हैं। सभी को संयुक्त अस्पताल संजय नगर और कविनगर स्थित सर्वोदय अस्पताल में एंबुलेंस से ले जाकर भर्ती कराया गया।
प्रमोद ने बताया कि एक मुकदमें में सुनवाई के बाद करीब चार बजे न्यायालय से अपने चैंबर के लिए निकल रहा था। तभी देखा कि शोर मच रहा है और सामने ही एक तेंदुआ किसी अधिवक्ता पर हमला कर रहा है। उन्हें बचाने के लिए मैंने वहां पास में ही पड़ा एक डंड़ा उसे मारने का प्रयास किया। इस पर तेंदुए ने मुझ पर हमला कर दिया। चेहरे और हाथ पर पंजे और दांतों से हमला कर न्यायालय परिसर में भाग गया। मुझे साथी अधिवक्ता चंद्रकांत लेकर अस्पताल लाए।
घायल नमन जैन ने बताया कि कोर्ट संख्या 21 में एक मुकदमे की तारीख के बाद बाहर निकल रहा था। इसी बीच जीने से उतरते हुए पीछे से तेंदुए ने हमला कर दिया। हाथ और कंधे पर बुरी तरह से काटा और पंजे से हमला किया। मैंने शोर मचाते हुए जैसे तैसे बचने की कोशिश की। इस बीच अन्य लोगों के शोर मचाने के बाद वह मुझे छोड़कर भाग गया। मेरा मोबाइल भी वहीं छूट गिर गया।
तेंदुआ घुसने की दी तुरंत सूचना
कोर्ट प्रबंधक मनोज कुमार मिश्रा ने बताया कि जैसे ही तेंदुआ घुसने की जानकारी मिली, तत्काल वन विभाग की टीम को फोन से सूचना दी गई। उसके 15 मिनट बाद वन विभाग की टीम पुष्टि करने के लिए पहुंची। तब तक अधिवक्ताओं और न्यायिक कर्मचारियों ने तत्परता दिखाते हुए तेंदुए को पुलिस चौकी के पास बनी सीढ़ी वाले शटर में बंद कर दिया।
तेंदुए के हमले के डर से सभी वाणिज्य कर कार्यालय, अदालत और कलक्ट्रेट के दरवाजों पर ताला लगा दिया गया। अदालतों में अंदर से कर्मचारियों ने दरवाजा बंद कर लिया। हमले से बचने के लिए न्यायिक अधिकारी और कर्मचारी दो घंटे तक कैद होकर रह गए थे। लोगों को डर लग रहा थी कि बाहर निकले तो कहीं उन पर तेंदुआ हमला न कर दे। वन विभाग की टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद तेंदुए को पकड़ा। लेकिन उसको पिंजरे में बंद कर ले जाने में एक घंटा लगा। इसके बाद लोगों ने राहत की सांस ली।
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