नूरदागी। तुर्किये और सीरिया में भूकंप के कहर से मरने वालों का आंकड़ा नौ हजार के पार पहुंच गया है। करीब 50 हजार से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं। मृतकों और घायलों की संख्या में लगातार इजाफा जारी है। बड़ी तादात में लोग अभी भी मलबे के नीचे फंसे हुए हैं।
तुर्किये-सीरिया में सोमवार को चार बड़े झटकों के बाद मंगलवार को भी रिक्टर पैमाने पर 5 से ज्यादा तीव्रता के तीन भूकंप आए। मलबे के नीचे फंसे लोगों को निकालने के लिए रेस्क्यू के काम में करीब एक लाख से ज्यादा लोग जुटे हुए हैं। इसमें अलग-अलग देशों की ट्रेंड टीमें भी शामिल हैं। भारत सरकार ने भी रेस्क्यू के लिए एनडीआरएफ की टीम भेजी है। इसी तरह अमेरिका, चीन समेत कई देशों से दोनों देशों को मदद पहुंचाई जा रही है। हालांकि, इसके बावजूद रेस्क्यू टीम कम पड़ गई है। हालात इतने बुरे हैं कि मलबे के अंदर से जिंदा लोग चीख रहे हैं और उन्हें सुनने वाला कोई नहीं है।
ठंड से ठिठुर रहे लोग, बच्चों की हालत खराब
भूकंप ने हजारों की संख्या में घरों को क्षतिग्रस्त कर दिया है। इससे लाखों लोग बेघर हो गए हैं। इस दौरान तुर्किए और सीरिया में कड़ाके की ठंड ने भी लोगों को मुसीबत में डाल दिया है। लोग सड़क किनारे खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं। ठंड के चलते सबसे ज्यादा बच्चों की हालत खराब हो रही है।
कई जगह बचाव दल के पहुंचने का इंतजार
अधिकारियों ने बताया कि भूकंप के केंद्र के दक्षिण पूर्व में स्थित हते में करीब 1500 इमारतें जमींदोज हो गईं और कई लोगों ने अपने परिजनों के मलबे में फंसे होने और किसी बचाव दल या मदद के नहीं पहुंचने की शिकायत की है। तुर्की के दक्षिण-पूर्वी प्रांत कहमनमारस में केंद्रित भूकंप ने दमिश्क और बेरूत के निवासियों को सड़क पर उतरने के लिए मजबूर कर दिया। सीरिया में ‘डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स’ के मिशन प्रमुख सेबस्टियन गे ने कहा कि उत्तरी सीरिया में चिकित्सा कर्मी जी जान से जुटे हैं जो भारी संख्या में आये घायलों के लिए चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं। तुर्की के हते प्रांत में हजारों लोगों ने खेल केंद्रों या मेला हॉल में आश्रय लिया, जबकि अन्य लोगों ने बाहर रात बिताई और अलाव का सहारा लिया।
तुर्की के उपराष्ट्रपति फुअत ओकते ने कहा कि अकेले तुर्की में ही इमारतों के मलबे से 8,000 से अधिक लोगों को निकाला गया है और करीब 3,80,000 लोगों ने सरकारी आश्रय स्थलों या होटलों में शरण ली है। आपदा में बचे हुए लोगों तक पहुंचने के प्रयास में शून्य से नीचे का तापमान और करीब 200 की संख्या में आए भूकंप के बाद के झटके भी बाधा बन रहे हैं, इससे अस्थिर ढांचों के भीतर लोगों को खोजना काफी खतरनाक हो गया है।
भूकंप के चलते खिसक गया तुर्की
इटली के भूकंप विज्ञानी डॉ. कार्लो डोग्लियोनी ने इस बारे में डिटेल जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि सीरिया की तुलना में तुर्की की टेक्टोनिक प्लेट्स 5 से 6 मीटर तक खिसक सकती है। उन्होंने आगे बताया कि असल में तुर्की कई मेन फॉल्टलाइन पर स्थित है। यह एनाटोलियन प्लेट, अरेबियन प्लेट और यूरेशियाई प्लेट से जुड़ा हुआ है। यही कारण है कि यहां भूकंप आने का खतरा सबसे अधिक रहता है। वहां के मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि एनाटोलियन प्लेट और अरैबियन प्लेटके बीच की 225 किलोमीटर की फॉल्टलाइन टूट गई है।
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