गाजियाबाद। इंदिरापुरम पुलिस ने बर्थडे पार्टी के नाम पर होटल में कसीनो खोल जुआ खेल रहे 24 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी आए दिन होटल बदल-बदलकर कसीनो में जुआ खेलते व खिलवाते थे। इसमें नौकरीपेशा से लेकर बिजनेसमैन तक शामिल हैं। होटल मालिक और तीन कसीनो संचालक फरार हो गए। पुलिस उनकी तलाश कर रही है।
डीसीपी ट्रांस हिंडन डॉ. दीक्षा शर्मा ने बताया कि इंदिरापुरम थाना पुलिस को नीतिखंड स्थित होटल रॉयल पार्क में अवैध कैसिनो चलने की सूचना मिली थी। पुलिस टीम ने होटल में जाकर छापा मारा तो लोग जुआ खेलते मिले। होटल के अंदर लोग मै जीत गया, मैं जीत गया जैसी आवाजे आ रही थीं। पुलिस ने घेराबंदी कर सभी लोगों को पकड़ लिया। कैसिनो टेबल पर चार-चार लोग जुआ खेल रहे थे। तीन लोग पुलिस को गच्चा देकर फरार हो गए जबकि पुलिस टीम ने 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस की पूछताछ में पकड़े गए लोगों ने बताया कि होटल में बर्थडे पार्टी के नाम पर कैसिनो में जुआ खेलने के लिए विकास खरबंदा ने बुलाया था। हम सभी लोग कॉइन के माध्यम से जुआ खेलते हैं। कॉइन के निर्धारित मूल्य के आधार पर जुआ होता है। लोग हार जीत के बाद अपना हिसाब कर लेते हैं। इंदिरापुरम थाना प्रभारी देवपाल सिंह पुंडीर ने सार्वजनिक जुआ अधिनियम 1867 की धारा तीन व चार में 28 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।
पुलिस ने वरुण बंसल, अजय तेवतिया, मनोज सिंह, नितिन भटनागर, अनिल कुमार, अनमोल नागपाल, सतेन्द्र सिंह, अमित चौधरी, नितिन अग्रवाल, मोनू उर्फ़ राहुल गुप्ता, प्रशांत शर्मा, हरजोत सिंह, रवि खट्टर, अमृत सिंह, राहुल त्यागी, रिशु जैन, गौरव शर्मा, भवि कुमार, धर्मेन्द्र सिंह, अक्षित रस्तोगी, दीपक गुप्ता, गुरप्रीत, प्रभजोत व परविन्द्र को गिरफ्तार कर लिया। इनके अलावा, जुआ खेल रहे नवीन राणा व अशोक शर्मा, जुआ खिलाने वाला विकास खरबंदा व होटल का मालिक शेखर यादव पुलिस को चकमा देकर फरार हो गए।
100 रुपये से लेकर दो हजार तक का कॉइन
पकड़े गए आरोपी व पुलिस ने बताया कि जुआ खेलने के लिए कॉइन खरीदना जरूरी है। कैसिनों में नीले, हरे, लाल व पीले रंग के कॉइन मुहैया कराए जाते हैं। इनकी कीमत 100 रुपये, 500 रुपये, 1000 रुपये व 2000 रुपये निर्धारित थी। जुआ खेलने के दौरान इन कॉइन को बकायदा स्टैंड में सजाकर रखा जाता है। ताकि कॉइन इधर-उधर नहीं फैलें। इंदिरापुरम पुलिस ने कैसिनो से तीन-चार रंग के 2050 कॉइन और नौ स्टैंड बरामद किए हैं।
पुलिस लाइन से बुलानी पड़ी बस, छोड़ने गए 12 पुलिसकर्मी
पकड़े गए 24 आरोपियों को न्यायालय भेजने में पुलिस के पसीने छूटे रहे। पुलिस को आरोपियों को न्यायालय भेजने के लिए पुलिस लाइन से बस बुलानी पड़ी। बस में चढ़ाने से पहले आरोपियों का नाम बोलकर व हाथ खड़े करवाकर हाजिरी ली गई। बकायदा 12 पुलिसकर्मियों का रोस्टर बनाकर ड्यूटी लगाई गई। ताकि न्यायालय के समक्ष आरोपियों को पेश करने में कोई परेशानी नहीं आए। न्यायालय में दो बार में 10-10 और एक बार में चार आरोपियों को दाखिल कराया गया।
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