नई दिल्ली। अडानी ग्रुप के खिलाफ लगे धोखाधड़ी के आरोपों पर विपक्ष लगातार बयानबाजी कर रहा है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोमवार को इस मामले में मोदी सरकार को घेरा। इससे पहले राहुल ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि इसकी एक वजह है और आप उसे जानते हैं। मैं चाहता हूं कि अडानी के मसले पर चर्चा होनी चाहिए और सच सामने आना चाहिए। लाखों और करोड़ों का भ्रष्टाचार सामने आना चाहिए। देश को पता चलना चाहिए कि अडानी के पीछे कौन सी ताकत है।
राहुल गांधी ने कहा कि 2014 में दुनिया के अमीर लोगों की लिस्ट में अडाणी 609 नंबर पर थे, पता नहीं जादू हुआ और यह दूसरे नंबर पर आ गए। लोगों ने पूछा आखिर यह सफलता कैसे हुई?और इनका भारत के PM के साथ क्या रिश्ता है?मैं बताता हूं कि यह रिश्ता काफी साल पहले शुरू हुआ जब नरेंद्र मोदी CM थे। अडाणी के लिए एयरपोर्ट के नियमों में बदलाव किए गए, नियमों को बदला गया और नियम किसने बदले यह ज़रुरी बात है। यह नियम था कि अगर कोई एयरपोर्ट के व्यवसाय में नहीं है तो वे इन एयरपोर्ट को नहीं ले सकता है। इस नियम को भारत सरकार ने अडाणी के लिए बदला।
राहुल ने कहा कि केरल, तमिलनाडु और पूर हिंदुस्तान सभी जगह एक नाम सुनने को मिला और वह था सिर्फ अडानी। इस नाम के बारे में जब लोग मुझसे बोलते थे तो दो-तीन सवाल पूछते थे, यह जो अडानी थे। वह किसी भी बिजनेस में घुस जाता था और सफलता प्राप्त करता है, यह कैसे हो रहा है। युवा भी मुझसे पूछते थे कि हम भी जानना चाहता हैं कि यह कैसे इतने सक्सेस हो रहे हैं।
आपको बता दें कि कांग्रेस पार्टी ने अडानी समूह के खिलाफ हिंडनबर्ग रिपोर्ट में लगाए गए आरोपों की जांच के लिए सर्वोच्च न्यायालय या एक संयुक्त संसदीय समिति की देखरेख में निष्पक्ष जांच की भी मांग की है। इसके साथ ही कांग्रेस आरोप लगा रही है कि इस मुद्दे में अडानी समूह में निवेश किए गए आम लोगों के करोड़ों रुपये शामिल हैं, जिनके शेयरों ने हिंडनबर्ड शोध रिपोर्ट में ‘वित्तीय गड़बड़ी और स्टॉक हेरफेर’ के आरोप सामने आने के बाद से शेयर बाजारों पर मार देखी है।
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