दिल्ली। स्पेशल सेल की आईएफएसओ यूनिट ने खुद को भारत का उपराष्ट्रपति कहने वाले एक शख्स और उसके सहयोगी को गिरफ्तार किया है। दोनों पर आरोप है कि ये फर्जी वॉट्सऐप प्रोफाइल पर देश के उपराष्ट्रपति की तस्वीर लगाकर उनके नाम का मिसयूज कर रहे थे।
आरोपियों की पहचान जम्मू निवासी 22 वर्षीय गगनदीप सिंह व पंजाब के पटियाला निवासी 29 वर्षीय अश्विनी कुमार के तौर पर हुई है। इनमें मुख्य आरोपी गगनदीप सिंह है, जो इटली में रहता है। गगनदीप इटली से ही वॉट्सऐप के जरिए सीनियर ब्यूरोक्रैट्स को मेसेज भेजकर फेवर की मांग करता था। आईएफएसओ टीम ने एफआरआरओ, बैंक और रीजनल पासपोर्ट ऑफिस से आरोपी के बारे में डिटेल जुटा रखी थी। इसके बाद उसे आईजीआई एयरपोर्ट से उस समय पकड़ लिया, जब वह भारत आया ही था। पुलिस ने इनके पास से 5 मोबाइल फोन जब्त किए हैं।
आईएफएसओ यूनिट स्पेशल सेल के डीसीपी प्रशांत गौतम ने बताया- सूचना मिली थी कि वॉट्सऐप पर फर्जी अकाउंट बनाकर उस पर उपराष्ट्रपति की तस्वीर लगाई हुई है। केस दर्ज किया गया। जांच के दौरान पुलिस ने उस फर्जी प्रोफाइल की डिटेल और आईपी एड्रेस का पता किया। मालूम चला कि वॉट्सऐप नंबर इटली में चल रहा है, लेकिन यह भारत का मोबाइल नंबर है। इसे पंजाब के रहने वाले अश्विनी नाम के वेंडर ने इश्यू किया था, जिसका इस्तेमाल उसी की पत्नी महक कर रही थी। यह पता चलते ही पुलिस ने सबसे पहले अश्विनी कुमार को पकड़ा। इससे पूछताछ में खुलासा हुआ उसने वॉट्सऐप चलाने के लिए गगनदीप को ओटीपी भेज दिया था। गगनदीप के बारे में जानकारी जुटाई गई। पता लगा कि वह भारतीय मूल का नागरिक है, कई साल से परिवार के साथ इटली में रह रहा है।
पूछताछ में खुलासा हुआ कि आरोपी गगनदीप सिंह ने कई यूटयूब विडियो देखने के बाद उपराष्ट्रपति के नाम का फर्जी वॉट्सऐप अकाउंट बनाया था। उसे वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के मोबाइल नंबर भी इंटरनेट के जरिए मिले थे। भारतीय मोबाइल नंबर पर उसने फर्जी वॉट्सऐप अकाउंट बनाया और उस पर उपराष्ट्रपति की तस्वीर लगा दी।
इसके बाद अफसरों के पास मेसेज भेज उनसे फेवर मांगने लगा। गगनदीप 2007 में इटली में रहा है। वह भारत में नौवीं कक्षा तक ही पढ़ा है, जबकि इटली से 12वीं की है। वह इटली की एक कंपनी में बतौर लेबर काम करता है। वहीं अश्विनी 12वीं तक पढ़ा है। वह दुकान चलाता है। पुलिस दोनों आरोपियों से पूछताछ कर रही है।
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