नोएडा/गाजियाबाद। आठ महीने पहले गाजियाबाद के बम्हेटा स्थित घर बुलाकर ग्रेटर नोएडा के रहने वाले रंजीत की हत्या में सनसनीखेज खुलासा हुआ है। रंजीत की हत्या प्रेमिका और उसके परिजनों ने मिलकर की थी। उसे प्रेमिका ने ही फोन कर परिजनों से शादी की बात करने के लिए अपने घर बुलाया था। परिजनों ने रंजीत की हत्या कर शव को चिपियाना गांव के तालाब में फेंक दिया था। पुलिस ने तालाब से नरमुंड और हड्डियां बरामद की हैं।
मूलरूप से हरदोई निवासी रंजीत हैबतपुर गांव में रहता था। वह ग्रेनो वेस्ट की सोसाइटी में लोगों के कपड़े प्रेस करता था। 13 जून 2022 को वह लापता हो गया। परिजन उसकी तलाश में जुट गए लेकिन पुलिस को शिकायत देकर रंजीत की बरामदगी की मांग की। शुरुआत में पुलिस ने ढुलमुल रवैया अपनाया मगर 26 जनवरी को पुलिस ने लोगों की सूचना पर चिपियाना गांव के तालाब से नरमुंड, शरीर के अन्य अंगों की हड्डियां, कपड़े, बेल्ट, चाबी आदि बरामद की। इनसे युवक की पहचान रंजीत के रूप में की गई। पुलिस ने फोन कॉल के आधार पर इस मामले में गाजियाबाद के बम्हेटा गांव निवासी रंजीत की प्रेमिका और उसके चार परिजन से पूछताछ की और अपराध स्वीकार करने पर उनको गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों ने पुलिस को बताया कि रंजीत ने उनकी बेटी का वीडियो बनाने व वायरल करने की धमकी देने पर उन्होंने हत्या की।
एडिशनल डीसीपी सेंट्रल नोएडा विशाल पांडेय ने बताया कि रंजीत व नेहा की दोस्ती नौ साल पहले मिस काल से हुई थी। रंजीत ने नेहा के फोन पर मिस काल की थी। रंजीत को उसका नंबर सोसायटी की लिफ्ट में लिखा मिला था। दोनों में बातचीत शुरू हुई और दोनों प्रेमी-प्रेमिका बन गए।
घटना वाली रात क्या हुआ था?
रंजीत की प्रेमिका ने घटना वाले दिन 13 जून को उसे फोन कर घर बुलाया। प्रेमिका व उसके स्वजन ने उसे प्यार से खाना खिलाया। कुछ देर बाद गला दबाकर उसकी हत्या कर दी। रामबाबू ने रंजीत के हाथ, मनीष ने पैर पकड़े, शुभम उर्फ शिवम ने गला दबाकर हत्या कर दी। प्रेमिका व उसकी मां बीना मौके पर मौजूद रहकर देखते रहे, कोई आस-पड़ोस का व्यक्ति घर पर न आ जाए। शुभम और मनीष मोटरसाइकिल के बीच में रंजीत के शव को बैठी अवस्था में लेकर चिपियाना गांव गए। गांव के तालाब में शव फेंकने के बाद रात एक बजे गाजियाबाद रेलवे स्टेशन पर जाकर सिगरेट पी, फिर घर गए।
जाति बंधन नहीं तोड़ पाया आठ साल चला मिस्ड कॉल का प्यार
वारदात के खुलासे के बाद बिसरख कोतवाली में पहुंचे रंजीत परिजन का आरोप है कि प्रेमी युगल अलग-अलग जाति से ताल्लुक रखते थे। इसके चलते रंजीत की प्रेमिका के परिजन विवाह नहीं करना चाहते थे। परिजनों ने एफआईआर में कहा है कि रंजीत को शादी का झांसा देकर आभूषण भी बनवा लिए थे और वह जो भी कमाता था प्रेम प्रसंग में ही खर्च कर देता था।
गुमशुदगी दर्ज कराने के लिए पांच माह भटके परिजन
रंजीत के भाई गुड्डू ने बताया कि भाई के लापता होने के बाद उन्हें थाने से लेकर चौकी के चक्कर लगाने पड़े। पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज करने के लिए पांच माह तक टरकाया गया। बिसरख कोतवाली पुलिस रंजीत की गुमशुदगी 24 नवंबर को दर्ज की। इसके बाद भी रंजीत का कोई अता-पता नहीं चल पा रहा था। कंकाल बरामद होने के बाद पुलिस ने पांच फरवरी को सभी आरोपियों को नामजद कर रिपोर्ट दर्ज की और सोमवार को पांचों को गिरफ्तार कर लिया।
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