तुमकुरू। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर्नाटक के तुमकुरू में एशिया की सबसे बड़ी हेलिकॉप्टर फैक्ट्री का उद्घाटन किया। फैक्ट्री में भविष्य में सिविल एलयूएच के निर्यात की भी संभावना है। इस केंद्र से भारत हेलीकॉप्टरों की अपनी संपूर्ण आवश्यकता को स्वदेशी रूप से पूरा करने में सक्षम बन जाएगा और हेलीकॉप्टर डिजाइन, विकास और निर्माण में आत्मनिर्भरता का गौरव प्राप्त करेगा।
पीएम मोदी ने कहा कि भारत अब आधुनिक असॉल्ट राइफल्स से लेकर एयरक्राफ्ट कैरियर और फाइटर जेट्स भी बना रहा है। 2014 से पहले के 15 सालों में जितना निवेश एयरोस्पेस सेक्टर में हुआ उसका 5 गुना पिछले 8-9 वर्षों में हो चुका है। आज हम अपनी सेना को मेड इन इंडिया हथियार तो दे ही रहे हैं बल्कि हमारा डिफेंस एक्सपोर्ट 2014 की तुलना में कई गुना ज्यादा हो गया है। यही HAL है जिसे बहाना बनाकर हमारी सरकार पर तरह तरह के झूठे आरोप लगाए गए। आज HAL की ये हेलिकॉप्टर फैक्ट्री, HAL की बढ़ती ताकत बहुत से पुराने झूठों और झूठे आरोप लगाने वालों का पर्दाफाश कर रही है।
PM मोदी ने कहा कि कर्नाटक को मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी से जोड़ा जा रहा है। इससे यहां रोजगार बढ़ेंगे। यहां डबल इंजन की सरकार ने हर घर को जल और हर खेत को पानी की दिशा में बहुत काम किया है। हमने जलजीवन मिशन में 20 हजार करोड़ का बजट बढ़ाया है। नल से जल का फायदा 11 करोड़ परिवारों तक बढ़ा। इस साल के बजट की चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है। विकसित भारत के लिए सब जुटें और सब जुड़ें।
प्रधानमंत्री ने इस फैक्ट्री की आधारशिला 2016 में रखी थी। यह एक समर्पित ग्रीनफील्ड हेलीकॉप्टर कारखाना है जो हेलीकॉप्टर बनाने की क्षमता और इसके अनुकूल तंत्र को बढ़ावा देगा। यह हेलीकॉप्टर फैक्ट्री एशिया की सबसे बड़ी हेलीकॉप्टर निर्माण सुविधा है और शुरुआत में लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टर (एलयूएच) का उत्पादन करेगी।
यह हेलिकॉप्टर फैक्ट्री 615 एकड़ जमीन में फैली हुई है। इसकी प्लानिंग इस तरह की गई है कि यह देश की सभी हेलिकॉप्टर जरूरतों के लिए वन-स्टॉप सेंटर बने। यह देश का सबसे बड़ा हेलिकॉप्टर निर्माण सुविधा केन्द्र है और शुरू में इसमें लाइट यूटिलिटी हेलिकॉप्टर (एलयूएच) बनाए जाएंगे। शुरू में यह फैक्ट्री हर साल करीब 30 हेलिकाप्टरों का निर्माण करेगी और इसे चरणबद्ध तरीके से 60 और फिर हर साल 90 बढ़ाया जा सकता है। बाद में फैक्ट्री में लाइट कॉम्बेट हेलिकॉप्टर (एलसीएच) और भारतीय मल्टीरोल हेलिकॉप्टर (आईएमआरएच) जैसे दूसरे हेलिकॉप्टर भी बनाए जाएंगे। भविष्य में इसका इस्तेमाल एलसीएच, एलयूएच, सिविल एडवांस्ड लाइट हेलिकॉप्टर (एएलएच) और आईएमआरएच के रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल के लिए भी किया जाएगा। सिविल एलयूएच के संभावित निर्यात की भी इस फैक्ट्री से पूर्ति की जाएगी।
LCH और IMRH का होगा निर्माण
लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर (LCH) और इंडियन मल्टीरोल हेलीकॉप्टर (IMRH) के निर्माण के साथ-साथ भविष्य में LCH, LUH, सिविल ALH और IMRH की मरम्मत जैसे कार्यों से इस कारखाने का विस्तार किया जा सकता है। रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि भविष्य में इस फैक्ट्री से सिविल एलयूएच के संभावित निर्यात की भी आपूर्ती की जाएगी।
20 साल में चार करोड़ रुपये के कारोबार का लक्ष्य
मालूम हो कि हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड की योजना 20 सालों के दौरान चार लाख करोड़ रुपये से अधिक के कुल कारोबार के साथ 3-15 टन की सीमा में 1,000 से अधिक हेलीकाप्टरों का निर्माण करने की है। प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार पैदा करने के अलावा, तुमकुरु सुविधाकेन्द्र बड़े पैमाने पर समुदाय केंद्रित कार्यक्रमों के साथ अपनी सीएसआर गतिविधियों के माध्यम से निकटवर्ती क्षेत्रों के विकास को बढ़ावा देगी।
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