गाजियाबाद। आप को जानकर सुखद आश्चर्य होगा कि गाज़ियाबाद का एक मात्र चैरिटेबल कैंसर अस्पताल “श्री जगन्नाथ चैरिटेबल कैंसर इन्स्टीट्यूट एण्ड रिसर्च सेंटर” 7000 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्रफल में फैला है। जहाँ करीब 150 लोगों का स्टाफ तैनात है।
इन्स्टीट्यूट के मेडिकल डायरेक्टर एवं वरिष्ठ ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. ऋषि गुप्ता ने जानकारी दी कि हमारे यहाँ प्राइवेट अस्पतालों के मुकाबले 25 से 40 प्रतिशत तक कम दरों पर इलाज होता है। यहाँ प्रतिदिन 50 से 60 मरीज ओपीडी में देखे जाते हैं तथा इतने ही मरीजों की रेडियोथेरेपी भी की जाती है। रोजाना 20 से 30 मरीज कीमोथेरेपी के होते हैं। दवाओं पर भी 10 से 15 प्रतिशत की छूट दी जाती है। जबकि प्रत्येक रविवार को आपीडी मरीजों को निःशुल्क देखा जाता है।
कैंसर चैरिटेबल सोसायटी के महासचिव अनिल गुप्ता का कहना है कि अस्पताल प्रबंधन द्वारा समय-समय पर विभिन्न क्षेत्रों में निःशुल्क कैंसर डिटेक्शन कैम्प अयोजित किए जाते हैं। इस दौरान निःशुल्क मेमोग्राफी की जाँच सहित जरूरतमंदों को दवाइयाँ भी निःशुल्क उपलब्ध करायी जाती हैं। बातचीत के क्रम में कैंसर चैरिटेबल सोसायटी के चेयरमैन एम. सी. गर्ग ने बताया कि 45 बेड से युक्त इस अस्पताल में ओपीडी, कैंसर सर्जरी, रेडियोथेरेपी, कीमोथेरेपी, मैमोग्राफी, पैथोलॉजी लैब, डिजिटल एक्स-रे, 24 घंटे भर्ती, 24 घण्टे फार्मेसी तथा एम्बुलेंस आदि सुविधाएं उपलब्ध हैं।
बता दें कि यहाँ डॉ. ऋषि गुप्ता, वरिष्ठ सर्जन डॉ. मोहित भटनागर, मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. विनोद त्यागी, रेडिएशन ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. ब्रिजू पॉल, सर्जन डॉ. संजय तुली, डॉ. वैभव अग्रवाल एवं डॉ. नीरज सहित अनेक अनुभवी चिकित्सकों की देखरेख में कैंसर मरीजों का इलाज किया जाता है।
धूम्रपान व तंबाकू के सेवन से कैंसर की संभावना काफी बढ़ जाती है। मुँह में छालों का बार-बार होना या सड़न कैंसर के प्रमुख लक्षणों में शामिल है। यदि शरीर में कहीं भी गांठ है, तो बिना देरी किए इसकी जाँच करानी चाहिए। जिससे कि समय रहते कैंसर की पहचान हो सके। क्योंकि कैंसर के प्रभावी इलाज में समय रहते कैंसर की पहचान काफी मायने रखती है।
: डॉ. वैभव अग्रवाल, फिजीशियन
तनाव, दूषित खान-पान, अव्यवस्थित जीवनशैली व स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता की कमी आदि के चलते कैंसर मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। सभी को अपने व अपने परिजनों के स्वास्थ्य के प्रति सजग रहते हुए समय-समय पर जाँच अवश्य करानी चाहिए।
: डॉ. विनोद त्यागी, मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट
कैंसर के ठीक हो चुके मरीजों को अस्पताल में बुलाकर सम्मानित किया जाएगा तथा लोगों को कैंसरमुक्त स्वस्थ जीवन जीने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से विश्व कैंसर दिवस पर परिचर्चा का आयोजन किया जाएगा।
: एम. सी. गर्ग, अध्यक्ष, कैंसर चैरिटेबल सोसायटी
लोगों को कैंसर से बचाव एवं समय रहते इलाज के प्रति जागरूक करने के अस्पताल सदैव समर्पित रहा है। इसी क्रम में विश्व कैंसर दिवस के अवसर परयानी 4 फरवरी को जनपद के दुहाई क्षेत्र में जागरूकता रैली का आयोजन किया जाएगा।
: अनिल गुप्ता, महासचिव, कैंसर चैरिटेबल सोसायटी
क्या कहते हैं मरीज?
मुझे गले में समस्या थी। जाँच के बाद पता चला कि मुझे कैंसर है। करीब एक साल से श्री जगन्नाथ चैरिटेबल कैंसर इन्स्टीट्यूट एण्ड रिसर्च सेंटर में मेरा इलाज चल रहा है। अब मुझे बहुत आराम है और ठीक होकर घर आ चुका हूँ।
: हाशम सिंह, कैंसर मरीज, गाजियाबाद
मेरा नाम चवल सिंह है, मैं कंकड़ खेड़ा (मेरठ) का रहने वाला हूँ। मेरी उम्र 58 वर्ष है। मैं मेरठ में अपना इलाज करा रहा था। मुझे खाने की नली का कैंसर था। फिर मेरे भतीजे ने श्री जगन्नाथ चैरिटेबल कैंसर अस्पताल, दुहाई, गाजियाबाद में इलाज कराने की सलाह दी। मेरा इलाज डाॅ. ऋषि गुप्ता ने किया। मैं तीन महीने से कुछ भी खा नहीं पा रहा था। लेकिन अब मैं यहाँ बिल्कुल ठीक हो गया हूँ और खाना अच्छी तरह खा पाता हूँ। इस अस्पताल में काफी कम कीमत पर इलाज होता है, यही कारण है कि गरीब होने के बावजूद हम यहाँ कैंसर का पूरा इलाज करा सके।
: चवल सिंह, कैंसर मरीज, मेरठ
मेरा नाम समुंद्री है और मैं बागपत से आयी हूँ। वर्ष 2020 में पता चला कि मुझे स्तन कैंसर है। जिसके बाद मेरा इलाज श्री जगन्नाथ कैंसर चैरिटेबल अस्पताल में डाॅ. ऋषि गुप्ता द्वारा किया गया। अब मैं पूरी तरह ठीक हूँ और अपने इलाज एवं देखभाल के लिए अस्पताल प्रबंधन का धन्यवाद करती हूँ।
: समुंद्री, कैंसर मरीज, बागपत
Discussion about this post