गाजियाबाद। साहिबाबाद थानाक्षेत्र में साढ़े चार वर्षीय बच्ची का अपहरण कर दुष्कर्म के बाद हत्या करने वाले सोनू को विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट की अदालत में शनिवार को फाँसी की सजा सुनवाई। शुक्रवार को अदालत ने आरोपित को दोषी करार दिया था। अभियोजन की तरफ से कुल 15 लोगों की गवाही हुई। कोर्ट का फैसला सुनते ही 20 साल का दोषी सोनू में रोने लगा।
विशेष लोक अभियोजक संजीव बखरवा ने बताया कि पुलिस ने इस जघन्य अपराध में 15 गवाह बनाए थे। फास्ट ट्रैक कोर्ट की तर्ज पर इस केस में प्रतिदिन सुनवाई हुई। इसका नतीजा ये रहा कि पुलिस के चार्जशीट पेश करते ही अदालत ने इस फाइल का त्वरित संज्ञान लिया और हर रोज सुनवाई हुई। एक हफ्ते पहले इस केस की सुनवाई पूरी हो चुकी थी।
कोर्ट ने 3 फरवरी 2022 को सोनू को दोषी करार दिया था। 4 फरवरी यानी शनिवार को पॉक्सो कोर्ट के न्यायाधीश अमित कुमार प्रजापति ने सोनू गुप्ता को फांसी की सजा सुनाई है। अदालत में सोनू गुप्ता की सजा पर सुनवाई के लिए मृतक मासूम बच्ची का पूरा परिवार मौजूद था। पीड़िता के पिता, मां और दादी अदालत से सोनू गुप्ता के लिए फांसी की गुहार लगाई थी।
क्या है पूरा मामला?
साहिबाबाद थाना क्षेत्र के सिटी फॉरेस्ट इलाके में कच्ची कॉलोनियां हैं। यहां एक राजमिस्त्री का परिवार रहता है। इस परिवार की 5 साल की बेटी एक दिसंबर 2022 को घर के बाहर खेल रही थी। अचानक वो संदिग्ध परिस्थिति में लापता हो गई। 2 दिसंबर 2022 को उसकी लाश घर से 150 मीटर दूर पड़ी मिली। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में रेप की पुष्टि हुई थी। 7 दिसंबर 2022 को पुलिस ने इस वारदात का खुलासा करते हुए सोनू गुप्ता को गिरफ्तार किया।
20 वर्षीय सोनू पेशे से मजदूर है और नंदग्राम थाना क्षेत्र में 40 फुटा आश्रम रोड ब्रजनगरी का रहने वाला है। पूछताछ में सोनू ने बताया था कि वो एक छात्रा का पीछा करते हुए सिटी फॉरेस्ट में पहुंचा था। यहां उसको ये बच्ची घर के बाहर खेलते हुए मिल गई। इसके बाद सोनू ने इस बच्ची को उठाया और एक सुनसान जगह ले जाकर उसके साथ रेप किया। फिर रस्सी से गला घोंटकर हत्या कर दी।
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