गाजियाबाद: नौकरी के नाम पर लोगों को ठगने वाले छह शातिर गिरफ्तार

गाजियाबाद। क्रॉसिंग रिपब्लिक थाना क्षेत्र के एक युवक को ऑस्ट्रेलिया में नामी कंपनी में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले फर्जी कॉल सेंटर गिरोह का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने बुधवार को शालीमार गार्डन से गिरोह के छह लोगों को गिरफ्तार किया। गिरोह करीब तीन साल में 100 से ज्यादा लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी कर चुका है।

अरिहंत एंबियंस निवासी नवीन शर्मा से फ्रॉड हुआ। नवीन के मुताबिक, उन्हें पिछले कई दिनों से ऑस्ट्रेलिया की बड़ी कंपनी में नौकरी दिलाने के लिए कॉल आ रही थी। कॉलकर्ता ने खुद को उक्त कंपनी में ह्यूमन रिसोर्स में सीनियर पद पर तैनात होना बताया। इसके बाद नवीन का ऑनलाइन इंटरव्यू करवाया। नवीन को बताया गया कि उसे महाप्रबंधक पद के लिए चुन लिया गया है। नवीन के अनुसार, उनसे 12 लाख 80 हजार रुपए मांगे गए और ये कहा गया कि ये पैसा रिफंड कर दिया जाएगा। नवीन उनकी चाल को समझ गए और एक बड़े फ्रॉड से बच गए। नवीन ने इस संबंध में क्रॉसिंग रिपब्लिक थाने में एक केस दर्ज कराया। इसी तरह एक मुकदमा थाना साहिबाबाद में दर्ज हुआ। वहीं, शालीमार गार्डन एक्सटेंशन एक निवासी बाल नारायण द्विवेदी ने बताया कि ऑस्ट्रेलिया में जॉब के नाम पर राहुल शर्मा, बालाजी व राजीब दुबे नाम के व्यक्ति ने तीन बार में 3.12 लाख रुपये लिए।

साइबर सेल व थाना पुलिस की मदद से आरोपियों की तलाश शुरू की। साइबर सेल प्रभारी अनिल यादव ने बताया कि साइबर सेल टीम ने तकनीक व मुखबिर की सूचना पर शालीमार गार्डन में आरोपियों के पास पहुंची। पकड़े गए आरोपी विनय नेगी निवासी मेरठ, देवेश निवासी आगरा, अजय निवासी दिल्ली, कुलदीप त्यागी निवासी गाजियाबाद, गौरव श्रीवास्तव निवासी नोएडा और अंकुर सिंह निवासी फिरोजाबाद हैं।

सभी आरोपी फिलहाल गाजियाबाद के क्रॉसिंग रिपब्लिक इलाके में एक ऑफिस चला रहे थे। आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि ऑस्ट्रेलिया की वोरले पारसर कंपनी में काम दिलाने के नाम पर लोगों को फंसाते थे। लोगों को सोशल मीडिया, फर्जी कॉलिंग व ईमेल पर जानकारी भेजकर ऑफर देते थे। लोगों से खुद को नौकरी डॉट कॉम के ह्यूमन रिसोर्स (एचआर) से होने का हवाला देते थे। संपर्क में आए बेरोजगार व नौकरीपेशा लोगों से रिज्यूम लेकर बकायदा साक्षात्कार भी करवाते थे। जॉब लेटर देकर पंजीकरण, मेडिकल, वीजा आदि के नाम पर लाखों रुपये की धनराशि लेते थे। पुलिस ने आरोपियों के पास से नौ मोबाइल, पांच डाटाशीट, एक कार बरामद की है। गिरोह का कथित सरगना विनय निवासी बिहार फरार है।

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