हाइड्रोजन ट्रेन चलाएगा रेलवे, दिसंबर तक होगी शुरुआत

नई दिल्ली। देश में इस साल के अंत तक पहली बार हाइड्रोजन ट्रेन दौड़ेगी। हाइड्रोजन ट्रेनों को भारत में ही डिजाइन और मैन्युफैक्चर किया जाएगा जो दिसंबर 2023 तक रेडी हो जाएंगी। ग्रीन ग्रोथ पहल के तहत हाइड्रोजन ट्रेन को तैयार किया जाएगा।

केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को बताया कि हाइड्रोजन ट्रेन दिसंबर 2023 तक आएगी। इसे अपने देश में ही डिजाइन और निर्माण किया जाएगा। पहले यह कालका-शिमला जैसे हेरिटेज सर्किट पर चलेगी और बाद में इसका विस्तार अन्य स्थानों पर किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अब ICF चेन्नई के अलावा वंदे भारत ट्रेनों का निर्माण हरियाणा के सोनीपत और महाराष्ट्र के लातूर में किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह पीएम मोदी के हर कोने को वंदे भारत ट्रेनों से जोड़ने के सपने को पूरा करेगी।

इन शहरों में भी बनेंगी वंदे भारत एक्सप्रेस
अश्विनी वैष्णव ने कहा कि अमृत भारत स्कीम में बड़े स्टेशन सहित कुल 1275 स्टेशन का पुनर्विकास किया जाएगा। सोनीपथ, लातूर और रायबरेली में वंदे भारत ट्रेन का उत्पादन शुरू होगा। रेल मंत्री ने कहा कि अब ICF चेन्नई के अलावा वंदे भारत ट्रेनों का निर्माण हरियाणा के सोनीपत और महाराष्ट्र के लातूर में भी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह पहल हर कोने को वंदे भारत ट्रेनों से जोड़ने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपने को पूरा करेगी।

रेलवे के लिए 2.41 लाख करोड़ रुपए आवंटित
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि 2023-24 के आम बजट में रेलवे के लिए 2.41 लाख करोड़ रुपये का पूंजीगत परिव्‍यय उपलब्‍ध कराया गया है, जो रेलवे के लिए अब तक की सबसे बड़ी राशि है। लोकसभा में बजट पेश करते हुए सीतारमण ने कहा कि रेलवे को मौजूदा बजट प्रस्ताव में उपलब्ध कराया गया परिव्यय, 2013-14 में कुल पूंजीगत परिव्‍यय का लगभग 9 गुना है। उन्होंने कहा, ‘रेल में सफर करने वाले यात्रियों की बढ़ती उम्मीदों के साथ रेलवे राजधानी, शताब्दी, दुरंतो, हमसफर और तेजस जैसी प्रमुख ट्रेनों के 1,000 से अधिक कोच के नवीनीकरण की योजना बना रहा है। इन कोच के आंतरिक हिस्सों को अत्याधुनिक बनाया जाएगा और यात्रियों के आराम के हिसाब से इसमें सुधार किया जाएगा।’

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