‘सुप्रीम कोर्ट का समय कर रहे बर्बाद’, BBC डॉक्यूमेंट्री को लेकर याचिका बोले

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नई दिल्ली। बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री ‘India: The Modi Question’ को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे विवाद पर 6 फरवरी को सुनवाई होने जा रही है। दिल्ली के एड्वोकेट ने सरकार की तरफ से डॉक्यूमेंट्री के प्रसारण पर लगाई गई रोक के खिलाफ याचिका दायर की है। इस मामले में अब कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने सुप्रीम कोर्ट जाने वालों पर निशाना साधा है।

सोशल मीडिया पर डॉक्यूमेंट्री “इंडिया: द मोदी क्वेश्चन” को ब्लॉक करने के केंद्र के फैसले को चुनौती देने वाले वरिष्ठ पत्रकार एन राम, एक्टिविस्ट वकील प्रशांत भूषण और अन्य ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि “इस तरह वे माननीय सर्वोच्च न्यायालय का कीमती समय बर्बाद करते हैं, जहां हजारों आम नागरिक न्याय के लिए इंतजार कर रहे हैं और तारीख मांग रहे हैं।

मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने सोमवार को एन राम और भूषण की ओर से पेश वकील एम एल शर्मा और वरिष्ठ अधिवक्ता सीयू सिंह की दलीलों पर ध्यान दिया। जिसमें इस मुद्दे पर उनकी अलग-अलग जनहित याचिकाओं को तत्काल सूचीबद्ध करने की मांग की गई थी।

क्या है स्थिति?
‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ को लेकर भारत में जमकर विरोध प्रदर्शन जारी है। सरकार ने इसके प्रसारण पर रोक लगा दी है, लेकिन इसके बावजूद दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय जैसे बड़े संस्थानों में सार्वजनिक तौर पर प्रसारण और बाद में हिंसा की खबरें सामने आईं।

हाल ही में राजस्थान सेंट्रल यूनिवर्सिटी ने फिल्म को देखने के चलते 11 छात्रों को सस्पेंड कर दिया है। मुंबई में भी टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (TISS) में प्रबंधन की तरफ से इनकार किए जाने के बाद भी छात्रों के एक समूह ने लैपटॉप और फोन पर फिल्म देखी।

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