‘गुजरात दंगों पर बहस का फायदा नहीं”, BBC डॉक्यूमेंट्री विवाद पर बोले शशि थरूर

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बनी बीबीसी डॉक्यूमेंट्री के विवाद पर कांग्रेस नेता शशि थरूर ने शनिवार को चुप्पी तोड़ी। उन्होंने कहा कि उन्होंने कभी भी देश के लोगों से 2002 के गुजरात दंगों से ‘आगे बढ़ने’ के लिए नहीं कहा। थरूर ने कहा कि गुजरात दंगों के घाव अभी पूरी तरह से ठीक नहीं हुए हैं, लेकिन इस बात पर जोर दिया कि इस मुद्दे पर बहस करने से फायदा नहीं होगा, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट इस मामले में पहले ही अपना आदेश सुना चुका है। इसके बजाय हमे इससे बड़े समकालीन मामलों पर बात करने की जरूरत है।

तिरुवनंतपुरम से कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने हाल ही में एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि भारत को अब इस त्रासदी से आगे बढ़ना चाहिए। लोगों को लगता है कि इस दो दशक पुराने मामले को पीछे छोड़ देना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट भी इस मामले में अपना फैसला दे चुका है। हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि वह उन लोगों पर आक्षेप भी नहीं लगा रहे हैं, जिन्हें लगता है कि गुजरात दंगे का अभी पूरा सच सामने नहीं आया है।

शशि थरूर के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर यूजर्स ने उनकी आलोचना शुरू कर दी। इस पर शशि थरूर ने अब सफाई पेश की है। थरूर ने कहा, “मैंने बार-बार यह स्पष्ट किया है कि मेरा मानना ​​है कि गुजरात के घाव पूरी तरह से ठीक नहीं हुए हैं, लेकिन यह देखते हुए कि सुप्रीम कोर्ट ने इस पर अंतिम निर्णय सुना दिया है, हमें इस मुद्दे पर बहस करने से बहुत कम लाभ होगा।”

शशि थरूर ने कहा है कि लोग मेरे विचारों से असहमत हो सकते हैं लेकिन 4 दशकों के सांप्रदायिक मामलों पर उनके रिकॉर्ड और दो दशकों तक गुजरात दंगा पीड़ितों के साथ खड़े होने पर कोई भी ऊंगली नहीं उठा सकता। थरूर ने कहा कि देश के धर्मनिरपेक्ष लोगों को अब इस मुद्दे पर दुर्भावनाग्रस्त रहने से कुछ हासिल नहीं होगा।

बता दें कि देश में इन दिनों ब्रिटिश प्रसारणकर्ता बीबीसी की एक डॉक्यूमेंट्री इंडियाः द मोदी क्वेश्चन पर खूब विवाद हो रहा है। डॉक्यूमेंट्री में साल 2002 में हुए गुजरात दंगों में तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी की भूमिका पर सवाल उठाए गए हैं। केंद्र सरकार ने इस डॉक्यूमेंट्री को आपत्तिजनक और प्रोपेगैंडा बताते हुए देश में इसके लिंक शेयर करने पर प्रतिबंध लगा दिया है। जिसके बाद देश के कई विश्वविद्यालयों में वामपंथी छात्र संगठनों द्वारा बीबीसी की इस डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को लेकर हंगामा किया जा रहा है।

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