अहमदाबाद। मोरबी पुल हादसा मामले में पुलिस ने चार्जशीट दाखिल कर दी है। 1262 पेज की इस चार्जशीट में पुल का संचालन करने वाली कंपनी ओरेवा ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर जयसुख पटेल को भी आरोपी बनाया गया है। इनमें जयसुख पटेल को छोड़कर सभी आरोपी जेल में है। जयसुख पटेल की अग्रिम जमानत की अर्जी पर 1 फरवरी को सुनवाई होगी।
मोरबी पुलिस ने 135 लोगों की जान लेने वाले इस घटना में 1262 पन्नों की चार्जशीट दायर की है। जिसमें आरोपी के खिलाफ धारा 308, 304, 336, 338 व 114 के तहत अपराध दर्ज किया गया है। पुलिस ने पहले ओरेवा के मालिक जयसुख पटेल को आरोपी भी नहीं बनाया था। जब घटना हुई, जब उनसे पूछा गया कि उन्हें कब गिरफ्तार किया जाएगा, तो एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने यहां तक कहा कि वह आरोपी नहीं हैं। हालांकि पुलिस ने 22 जनवरी को जयसुख पटेल के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। फिलहाल जेल जाने से बचने के लिए अंडरग्राउंड चल रहे जयसुख पटेल ने अग्रिम जमानत के लिए अर्जी दी थी, जिस पर अभी कोई फैसला नहीं हो सका है।
हादसे के बाद से जयसुख पटेल लापता हैं। करीब तीन माह बीत जाने के बाद भी पुलिस अभी तक उसका पता नहीं लगा पाई है। हालांकि पुलिस ने हादसे के चंद घंटों के भीतर ही ड्यूटी पर तैनात चौकीदार, ओरेवा मैनेजर और टिकट खिड़की क्लर्क समेत नौ लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया।
क्यों टूटा था पुल?
मोरबी के ऐतिहासिक पुल की मरम्मत ओरेवा ग्रुप द्वारा की गई थी। आरोप है कि ओरेवा ग्रुप ने सही से मरम्मत नहीं की और बिना फिटनेस टेस्ट और अनुमति के इस आम लोगों के लिए खोल दिया। जिस दिन हादसा हुआ। उस दिन क्षमता से ज्यादा टिकट बेचे गए। पुल पर भीड़ नियंत्रण की कोई व्यवस्था नहीं थी। ऐसे में हादसा हुआ। यह भी सामने आया था कि मरम्मत का काम विशेषज्ञों द्वारा नहीं, बल्कि निर्माण कार्य करने वाले स्थानीय लोगों द्वारा किया गया था।
Discussion about this post