भारत को मिली पहली नेजल वैक्सीन, कीमत भी तय

नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया और साइंस-टेक्नोलॉजी मिनिस्टर जितेंद्र सिंह ने गुरुवार को पहली इंट्रानेजल कोविड-19 वैक्सीन iNCOVACC को लॉन्च किया। कोवैक्सिन बनाने वाली हैदराबाद की भारत बायोटेक ने इसे वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन (WUSM) के साथ मिलकर बनाया है। नाक से ली जाने वाली इस वैक्सीन को बूस्टर डोज के तौर पर लगाया जा सकेगा।

भारत बायोटेक (Bharat Biotech) की नेजल वैक्सीन में किसी इंजेक्शन की जरूरत नही पड़ेगी, ये नाक में ड्राप के जरिए दी जाएगी। भारत बायोटेक के मुताबिक, सरकार को नेजल वैक्सीन iNCOVACC की प्रति डोज 325 रुपए मिलेगी, जबकि निजी अस्पतालों में 800 रुपये की पड़ेगी। Nasal Vaccine बूस्टर डोज के तौर पर ली जा सकेगी, जिसे covaxin और कोविशील्ड लेने वाले लोग ले सकेंगे। दोनों नाक में इसे 28 दिनों के अंतराल पर लेना होगा। इस नेजल वैक्सीन को केंद्र सरकार से 23 दिसंबर को मंजूरी दी थी।

भारत बायोटेक के मैनेजिंग डायरेक्टर और चेयरमैन डॉ. ​​​​​कृष्णा एल्ला ने कुछ समय पहले बताया था कि पोलियो की तरह नेजल वैक्सीन की भी चार बूंदें काफी हैं। दोनों नॉस्ट्रिल्स में दो-दो ड्रॉप्स डाली जाएंगी। यह सिंगल डोज वैक्सीन है, इस वजह से ट्रैकिंग आसान है। इसके साइड इफेक्ट्स भी इंट्रामस्कुलर वैक्सीन के मुकाबले कम हैं।

iNCOVACC का तीन फेज में हुआ है ट्रायल
iNCOVACC तीन फेज का ट्रायल हुआ है। जिसमें वो असरदार साबित हुआ है। कंपनी ने फेज-1 के ट्रायल में 175 और दूसरे फेज के ट्रायल में 200 लोगों को शामिल किया था। तीसरे फेज का ट्रायल दो तरह से हुआ था। पहला ट्रायल 3,100 लोगों पर किया गया था, जिन्हें वैक्सीन की दो डोज दी गई थी। जबकि, दूसरा ट्रायल 875 लोगों पर हुआ था और उन्हें ये वैक्सीन बूस्टर डोज के तौर पर दी गई थी। कंपनी का दावा है कि ट्रायल में ये वैक्सीन कोरोना के खिलाफ असरदार साबित हुई है। कंपनी के मुताबिक, इस वैक्सीन से लोगों के अपर रेस्पिरेटरी सिस्टम में कोरोना के खिलाफ जबरदस्त इम्युनिटी बनी है।

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