नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस पर देशभर के सभी सरकारी और निजी कार्यालय बंद रहते हैं इसके बावजूद खाद्य मंत्रालय के अधिकारी कल के दिन भी काम करने में व्यस्त थे। माना जा रहा है कि खुले बाजार में गेहूं बेचने के मोदी सरकार के फैसले की वजह से देश में गेहूं और आटे की कीमतें बहुत जल्द 5-6 रुपये प्रति किलो तक घट सकती हैं।
बुधवार को गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में मंत्रियों के एक समूह ने 26 जनवरी के दिन यह काम करने का फैसला किया था। इस कारण खाद्य मंत्रालय के अधिकारियों को इस निर्णय को प्रभावी बनाने के लिए आवश्यक आदेश जारी करने की जरूरत थी। बताया जा रहा है कि अधिकारियों ने देर शाम तक सरकार के ई-ऑफिस सिस्टम के जरिए आदेश जारी किए।
गेहूं की कीमतें कम करने के लिए लगातार काम कर रही सरकार
खाद्य मंत्रालय ने इस सिलसिले में जारी बयान में कहा है कि केंद्र सरकार अपने बफर स्टॉक से 30 लाख टन गेहूं खुले बाजार में बेचेगी। जिससे गेहूं और आटे की तेजी से बढ़ती कीमतों पर फौरन काबू पाने में मदद मिलेगी। इससे देश के आम लोगों को भारी राहत मिलने की उम्मीद है। RFMFI के अध्यक्ष प्रमोद कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार ने बिलकुल सही फैसला किया है। हालांकि यह फैसला एक महीने पहले लिया जाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि इस फैसले से गेहूं और आटे की थोक और खुदरा कीमतों में 5-6 रुपये प्रति किलो की कमी आने की उम्मीद है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक बुधवार को देश के प्रमुख शहरों में गेहूं का औसत दाम 33.43 रुपये प्रति किलो हो चुका था, जबकि आटे का औसत दाम 37.95 रुपये प्रति किलो था। इसकी तुलना में एक साल पहले देश में गेहूं का औसत भाव 28.24 रुपये प्रति किलो और आटे का 31.41 रुपये प्रति किलो था।
घट सकते हैं गेहूं-आटे के दाम
जानकारों का कहना है कि दिल्ली में गेहूं की कीमतों में 7 फीसदी का उछाल आया है। देश में आटा मिलों के सबसे बड़े संगठन ने 30 लाख टन गेहूं को खुले बाजार में बेचेने के सरकार के फैसले की प्रशंसा की है। उन्होंने कहा कि इससे गेहूं और आटे की कीमतों में 5 से 6 रुपये प्रति किलो तक की गिरावट आएगी। इस तरह आटे के दाम भी कम हो जाएंगे।