रामचरितमानस पर बयान देकर मुश्किल में फंसे स्वामी प्रसाद, दर्ज हुआ मुकदमा

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य रामचरितमानस पर विवादित बयान देकर कानूनी मुश्किल में फंस गए हैं। मंगलवार को उनके खिलाफ लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।

स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ लखनऊ के ऐशबाग के शिवेंद्र मिश्रा ने हजरतगंज में एफआईआर दर्ज कराया है। स्वामी प्रसाद मौर्य पर हजरतगंज कोतवाली में आईपीसी की धारा 295 ए ,298, 504, 505(2),153A में दर्ज हुई है।

क्या है पूरा मामला
दरअसल हाल ही में सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक टीवी चैनल से बात करते हुए श्रीरामचरितमानस पर टिप्पणी करते हुए बैन करने की मांग की थी। स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा था कि रामचरितमानस में जो भी विवादित अंश है उसे निकाल देना चाहिए। उन्होंने तुलसीदास द्वारा लिखी श्रीरामचरितमानस की एक चौपाई- ‘ढोल-गंवार शूद्र पशु नारी, सकल ताड़ना के अधिकारी’ का जिक्र करते हुए कहा था कि इस तरह की पुस्तक को जब्त किया जाना चाहिए।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने आगे कहा था एक तरफ तो कहेंगे कि यत्र नार्यस्तु पूज्यंते रमंते तत्र देवता, तो दूसरी तरफ तुलसी बाबा से गाली दिलवाकर कहेंगे कि इनको मारिए पीटिए। ऐसे में श्रीरामचरितमानस को बैन कर देना चाहिए।

स्वामी प्रसाद सपा सरकार के भोंपू
स्वामी प्रसाद के विवादित बयान को लेकर भाजपा हमलावर है। प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा है कि स्वामी प्रसाद मौर्य सपा के भोंपू हैं। अखिलेश यादव बताएं कि स्वामी प्रसाद के बयान पर उनका क्या मत है। इस बयान से करोड़ों रामभक्तों की भावनाएं आहत हुई हैं। यदि अखिलेश यादव स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान से सहमत नहीं हैं तो वह सपा से निष्कासित होंगे और यदि सहमत हैं तो स्वामी सपा में बने रहेंगे। उन्होंने कहा कि सपा शासन में ही राम भक्तों पर गोलियां चलाईं गई थी। बिहार में लालू की पार्टी के नेता जो काम कर रहे हैं वही काम सपा के लोग कर रहे हैं।

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