इस्लामाबाद। श्रीलंका के बाद अब पाकिस्तान गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है। देश में खाने की किल्लत देखी जा रही है। इसे लेकर इन दिनों शहबाज सरकार विपक्षी दलों के विरोध का सामना कर रही है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भी विदेश से कर्ज मांगने की पाकिस्तान की मजबूरी पर अफसोस जताया है। इसी बीच पाकिस्तान में भारत के पीएम नरेंद्र मोदी का एक वीडियो खूब वायरल हो रहा है। यह वीडियो इन दिनों खूब शेयर किया जा रहा है। इसके जरिए पूर्व पाक पीएम इमरान खान की पार्टी के लीडर शहबाज शरीफ सरकार पर जमकर निशाना साध रहे हैं।
तहरीक ए इंसाफ पार्टी के लीडर्स पाकिस्तान की मौजूद कंगाली की हालत के लिए पीएम शहबाज शरीफ को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। इसे लेकर सत्ताधारी सरकार को कटघरे में खड़ा किया जा रहा है। तहरीक-ए-इंसाफ के नेता पाकिस्तान के वित्तीय संकट पर शहबाज शरीफ सरकार की आलोचना करने के लिए पीएम मोदी की ये पुरानी वीडियो क्लिप शेयर की है।
वीडियो में 2019 के आम चुनाव के प्रचार के दौरान राजस्थान के बाड़मेर में पीएम मोदी के भाषण को दिखाया गया है। वीडियो में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था… “हमने पाकिस्तान के अहंकार को नष्ट कर दिया, उन्हें भीख का कटोरा लेकर दुनिया भर में जाने के लिए मजबूर किया।”
رجیم چینج کے سہولت کارو۔
سنو انڈیا کا مودی پاکستان کے بارے میں کیا کہہ رہا ہے؟ اگر غیرت نام کی کوئ چیز تم میں نہیں تو شرم تو کرو؟ پاکستان کے لوگو: اس لئے اپنے اس ملک کو بچانے کا واحد راستہ عمران خان کے سنگ حقیقی آزادی ہے. pic.twitter.com/yvRIsoTKPf— Senator Azam Khan Swati (@AzamKhanSwatiPk) January 11, 2023
मदद का इंतजार करता पाकिस्तान
पाकिस्तान को इस समय अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) से मिलने वाली मदद का बेसब्री से इंतजार है। पीएम शरीफ ने आर्थिक संकट के बीच ही लाहौर में एक बड़ा बयान दिया। यहां पर पाकिस्तान एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस (PAS) के एक कार्यक्रम में शरीफ ने कर्ज मांगने पर हो रही शर्म का इजहार किया। शरीफ ने कहा कि यह बड़े अफसोस की बात है कि आजादी के 75 साल बाद कई सरकारें आईं लेकिन देश की स्थिति नहीं बदली। राजनीति नेतृत्व या सैन्य तानाशाही आर्थिक चुनौतियों से पार नहीं पा सकी।
पीएम बोले कर्ज समाधान नहीं
शहबाज के मुताबिक विदेशी कर्ज कोई स्थिर सामाधान नहीं है क्योंकि इन्हें वापस भी करना पड़ता है। पाकिस्तान इस समय सबसे बड़े आर्थिक संकट से गुजर रहा है। महंगाई 21 से 23 फीसदी के बीच है तो राजकोषीय घाटा 115 फीसदी से ज्यादा हो गया है। देश को 350 अरब रुपए की मदद सऊदी अरब और यूएई से ही हासिल हो रही है।
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