प्रयागराज/पटना। बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर की महाकाव्य ‘रामचरितमानस’ को लेकर कथित रूप से अपमानजनक टिप्पणी के बाद विवाद बढ़ गया है। अब इस विवाद पर पुरी शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद महाराज ने कहा कि ऐसी टिप्पणी करने वाले नेताओं को फांसी की सजा होनी चाहिए।
प्रयागराज में संगम किनारे लगे माघ मेले में शिरकत करने पहुंचे पुरी शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद त्रिवेणी मार्ग के शिविर में गंगासागर ने पत्रकारों से बात कर रहे थे, इस दौरान उनसे हिंदू धर्म ग्रंथों पर अमर्यादित टिप्पणी को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने बेबाकी से कहा कि ऐसे राजनेताओं को फांसी की सजा देनी चाहिए। स्वामी निश्चलानंद ने प्रदूषित होती गंगा पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि अभी भी गंदे नालों का पानी गंगा जी में बहाया जा रहा है। यह चिंतनीय है। उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि इस पर तुरंत एक्शन ले और नालों को बंद कराए।
स्वामी निश्चलानंद से पहले बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर पर अखिल भारतीय हिंदू संरक्षण समिति के अध्यक्ष स्वामी अभय जी‘मौनी बाबा’ ने भी नाराजगी जाहिर की थी। उन्होंने झूंसी थाने में मंत्री के खिलाफ तहरीर देते हुए उनके बयान को सस्ती राजनीति का परिचायक बताया था, साथ ही कहा था हिंदुओं का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
बता दें कि बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने कहा था कि राम चरित मानस समाज में नफरत फैलाती है। नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने रामचरित मानस और मनुस्मृति को समाज को बांटने वाली पुस्तक बताया था। उनके इस बयान की खासी आलोचना हो रही है।
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