कोलकाता। आखिरकार कलकत्ता हाईकोर्ट ने देश के सबसे पुराने मुकदमों में से एक को 72 साल के बाद के बाद निपटाने का काम पूरा कर दिया। यह भारत का सबसे पुराना मामला बताया जा रहा है। कलकत्ता हाईकोर्ट को अतंत: इस पुराने मामले से राहत मिली है।
मामला की शुरूआत 19 नवंबर, 1948 को में हुई थी। कलकत्ता हाईकोर्ट ने तत्कालीन दिवालिया बरहामपुर बैंक को बंद करने का आदेश था। वहीं परिसमापन कार्यवाही को चुनौती देने वाली एक याचिका 1 जनवरी, 1951 को दायर की गई थी और इसे पंजीकृत किया गया था। उसी दिन “केस संख्या 71/1951” के रूप में।बरहमपुर बैंक से देनदारों ने काफी पैसे लोन लिए थे। उन्होंने अदालत में बैंक के दावों को चुनौती दी।
रिकॉर्ड के मुताबिक बैंक के बंद होने को लेकर चुनौती देने वाली याचिका पर पिछले साल सितंबर में दो बार हाईकोर्ट में सुनवाई हुई थी। लेकिन जाहिर तौर पर कोई नहीं आया। इसके बाद जस्टिस कपूर ने कोर्ट के लिक्विडेटर से रिपोर्ट मांगी। 19 सितंबर को सहायक परिसमापक ने पीठ को बताया कि अगस्त 2006 में मामले का निस्तारण कर दिया गया था। जस्टिस कपूर ने आखिरी बार 23 अगस्त, 2022 को सुनवाई की थी।
10 साल बाद जन्मे चीफ जस्टिस
कलकत्ता हाईकोर्ट में चलने वाला मामला देश का सबसे पुराना मामला था। दूसरी शब्दों में कहे तो मामला इतना पुराना नहीं था कलकत्ता हाईकोर्ट के वर्तमान मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव का जन्म भी नहीं हुआ था। प्रकाश श्रीवास्तव का जन्म 1961 में हुआ था वहीं यह मामला उनके जन्म के 10 साल पहले दायर किया गया था। तब से इस मामले की सुनवाई चल रही थी।
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