जोशीमठ संकट के बीच वायरल हुआ सुषमा स्वराज का पुराना भाषण

जोशीमठ। उत्तराखंड के चमोली में स्थित जोशीमठ के कई घरों और मकानों में दरारे आ गई हैं। सैकड़ों लोगों को घर से स्थानांतरित किया गया है। जोशीमठ में कुछ होटलों को भी गिराया गया है। इस बीच पूर्व केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज का लोकसभा में दिया गया एक भाषण काफी वायरल हो रहा है।

लोकसभा में 16 जून 2013 को सुषमा स्वराज ने ऐतिहासिक भाषण दिया था। उन्होंने कहा था, ‘उत्तराखंड में विकास के नाम पर जो होड़ लगी है, प्रकृति से छेड़-छाड़ करने की, पर्यावरण को प्रदुषित करने की, नादियो पर बांध बनाने की… ये उसका नतीजा है। हम किसके लिए विकास कर रहे हैं? हम अरबो-खरबों रुपये खर्च करके विकास करते जाते हैं। प्रकृति एक दिन क्रोधित होती है और ऐसी विनाश लीला करती है कि सब कुछ तबाह कर जाती है।’

सुषमा स्वराज ने आगे कहा, ”कब आंखें खुलेंगी हमारी, क्या इस त्रासदी के बाद भी नहीं, इस आपदा के बाद ही नहीं…? वहां एक धारी देवी का मंदिर है, जिसे उत्तराखंड का रक्षक कहा जाता है, उत्तराखंड की रक्षक देवी धारी देवी के ऊपर भी एक विद्यूत परियोजना चलाई जा रही है, जिसमें धारी देवी को जलमग्नन करने की योजना थी…। हमारी पार्टी की नेता उमा भारती एड़ी-चोटी का जोड़ लगा रही थी, उस धारी देवी को बचाने के लिए…एक-एक के घर जाती थीं।”

संकट के दौर से गुजर रहा जोशीमठ
बता दें कि उत्तराखंड का जोशीमठ इलाका इन दिनों संकट के दौर से गुजर रहा है। जोशीमठ में कई घरों और जमीनों में गहरी दरारें आ गई हैं। हालात से निपटने के लिए इलाके में SDRF की टीमों को तैनात किया गया है। सैकड़ों घरों को खाली कराया गया है। कई घरों के बाहर खतरे का निशान लगाया गया है और लोगों से घर खाली करने के लिए कहा गया है। ऐसे में जोशीमठ के लोग बेहद भयाभह दौर से गुजर रहे हैं। वो अपनी आंखों से अपने आशियाने को टूटते देख रहे हैं।

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