भारतीय स्टार टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा अगले महीने होने वाली दुबई टेनिस चैंपियनशिप के बाद अपने प्रोवेशनल करियर पर पूर्ण विराम लगा देगी। सानिया ने अपने रिटायरमेंट का अधिकारिक ऐलान किया है। सानिया ने बताया कि वह ऑस्ट्रेलिया ओपन के रूप में अपना आखिरी ग्रैंड स्लैम खेलेगी, वहीं दुबई टेनिस चैंपियनशिप उनका आखिरी प्रोफेशनल टेनिस टूर्नामेंट होगा।
सानिया ने अब अपने ट्विटर हैंडर पर तीन पेज का इमोशनल पोस्ट शेयर करते हुए लिखा ’30 साल पहले हैदराबाद की एक छह साल की लड़की निजाम क्लब के टेनिस कोर्ट पर पहली बार अपनी मां के साथ गई और कोच ने बताया कि टेनिस कैसे खेलते हैं। कोच को लगा था कि टेनिस सीखने के लिए मैं बहुत छोटी हूं। मेरे सपनों की लड़ाई छह साल की उम्र में ही शुरू हुई। मेरे माता-पिता और बहन, मेरा परिवार, मेरे कोच, फिजियो समेत पूरी टीम के समर्थन के बिना यह संभव नहीं था, जो अच्छे और बुरे समय में मेरे साथ खड़े रहे। मैं उनमें से हर एक के साथ अपनी हंसी, आंसू, दर्द और खुशी साझा की है। उसके लिए मैं सभी का धन्यवाद देना चाहती हूं। आप सभी ने जीवन के सबसे कठिन दौर में मेरी मदद की है। आपने हैदराबाद की इस छोटी सी लड़की को न केवल सपना देखने की हिम्मत दी बल्कि उन सपनों को हासिल करने में भी मदद की। आप सभी का तहेदिल से शुक्रिया।’
उन्होंने आगे लिखा ‘काफी उम्मीदों के साथ जब काफी विरोध हो रहा था, मैंने ग्रैंड स्लैम खेलने का सपना देखा था और स्पोर्ट के सर्वोच्च स्तर पर देश का प्रतिनिधित्व करने का सपना देखा था। अब जब मैं अपने करियर को पीछे मुड़कर देखती हूं तो मुझे लगता है कि न सिर्फ मैंने ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंट का अर्धशतक लगाया बल्कि उनमें से कुछ जीतने में भी कामयाब रही। देश के लिए मेडल जीतना मेरे लिए सबसे बड़ा सम्मान रहा है। पोडियम पर खड़ा होना और दुनिया भर में तिरंगा का सम्मान होते देखना मेरे लिए सम्मान की बात रही है। मैं जब यह लिख रही हूं तो मेरे रोंगटे खड़े हो रहे हैं और मेरी आंखों में आंसू है।’
अपने पोस्ट में उन्होंने लिखा ‘मैं खुद को बहुत धन्य मानती हूं कि मैंने अपने सपने को जिया है। साथ ही अपने गोल्स को भी हासिल किया। मेरा परिवार हमेशा मेरे साथ रहा। प्रोफेशनल एथलीट रहे मुझे 20 साल हो चुके हैं और टेनिस प्लेयर रहते मुझे 30 साल बीत चुके हैं। यही मुझे पूरे जीवन में पता रहा। मेरे ग्रैंड स्लैम की यात्रा 2005 में ऑस्ट्रेलियन ओपन से शुरू हुई थी। इसलिए यही ग्रैंड स्लैम मेरा आखिरी ग्रैंड स्लैम बनने के लिए बिल्कुल सटीक है। जैसे कि मैं 18 साल बाद अपने आखिरी ऑस्ट्रेलियन ओपन के लिए तैयार हूं और इसके बाद फरवरी में होने वाले दुबई ओपन के लिए, मेरे मन काफी भावुक हो उठा है। मुझे गर्व महसूस हो रहा है। मैंने अपने 20 साल के प्रोफेशनल करियर में जो कुछ भी हासिल किया और जो यादें बनाईं उसके लिए आभारी हूं। जब भी मैं विजयी हुई तब अपने देश के लोगों के मन में जो खुशी देखी वह मेरे लिए सबसे यादगार पल है।’
सानिया मिर्जा का टेनिस करियर
महिला टेनिस में सानिया मिर्जा ने पूरे विश्व में भारत का नाम रौशन किया है। हालांकि अपने करियर में वह एक भी सिंगल ग्रैंडस्लैम का खिताब नहीं जीत सकी। हालांकि उनके खाते में कुल 6 डबल ग्रैंड स्लैम आया है। सानिया तीन बार महिला डबल्स में चैंपियन बनी जबकि इतने ही बार मिक्स्ड डबल्स में खिताबी जीत हासिल की है।
सानिया ने आखिरी बार साल 2016 में ग्रैंड स्लैम जीता था। उस साल ऑस्ट्रेलियन ओपन में सानिया ने मार्टिना हिंगिस की जोड़ी ने एंड्रिया लावाकोवा और लूसी हराडेका को फाइनल में हराया था। वहीं सानिया के एटीपी रैंकिंग की बात की जाए तो वह 27वें स्थान तक पहुंची थी। एटीपी रैंकिंग में सानिया भारत की पहली महिला टेनिस खिलाड़ी हैं जिन्होंने सिंगल्स में 27वीं रैंकिंग हासिल किया।
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