‘रामचरितमानस नफरत फैलाने वाला ग्रंथ’, बिहार के शिक्षा मंत्री का विवादित बयान

पटना। बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने बुधवार को विवादित बयान दे दिया। उन्होंने कहा कि मनुस्मृति, रामचरितमानस और बंच आफ थाट्स जैसी किताबों को जला देना चाहिए। उन्होंने कहा कि इन किताबों ने नफरत फैलाई है। लोगों को सदियों पीछे धकेलने का काम किया है।

नालंदा खुला विश्वविद्यालय के 15वें दीक्षांत समारोह में बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर प्रसाद ने अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए पूछा कि आप भारत को ताकतवर नफरत से बनाएंगे या मोहब्बत से? जब सभागार में बैठे बच्चों की ओर से आवाज आई ‘मोहब्बत से’ तो शिक्षा मंत्री ने अपने भाषण को जारी रखते हुए कहा कि देश में कुछ विचार ऐसे चले हैं जो नफरत फैलाना चाहते हैं और यह विचार आज के नहीं हैं बल्कि तीन हजार साल पहले जब मनुस्मृति लिखी गयी यह विचार वहीं से आए हैं।

चंद्रशेखर प्रसाद ने राम चरित मानस की चौपाई सुनाते हुए कहा कि यह ग्रंथ शूद्रों का अपमान करता है। यह ऐसा ग्रंथ है जो नफरत बोता है। चंद्रशेखर प्रसाद ने बाबा साहब भीमराव अंबेडकर का हवाला देते हुए कहा कि बाबा साहब ने मनुस्मृति को इसलिए जलाया था क्योंकि यह दलितों, पिछड़ों और महिलाओं को पढ़ाई से रोकता है।

बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने किया ट्वीट
बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के रामचरितमानस को लेकर दिए गए विवादित बयान पर बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा, ”बिहार के शिक्षा मंत्री ने कहा ‘रामचरितमानस’ नफरत फैलाने वाला ग्रंथ है। कुछ दिन पहले जगदानंद सिंह ने राम जन्मभूमि को ‘नफरत की जमीन’ बताया था। यह संयोग नहीं है। यह वोट बैंक का उद्योग है ‘हिंदू आस्था पर करो चोट, ताकि मिले वोट’, सिमी और पीएफआई की पैरवी, हिंदू आस्था पर चोट।” क्या कार्यवाही होगी?

कुमार विश्वास ने भी किया है ट्वीट 
चंद्रशेखर के बयान पर प्रसिद्ध कवि कुमार विश्वास ने भी बिहार सीएम नीतीश कुमार को टैग करते हुए ट्वीट किया है। कुमार विश्वास ने लिखा, ”आदरणीय @NitishKumar जी। भगवान शंकर के नाम को निरर्थक कर रहे आपके अशिक्षित शिक्षामंत्री जी को शिक्षा की अत्यंत-अविलंब आवश्यकता है। आपका मेरे मन में अतीव आदर है, इसलिए इस दुष्कर कार्य के लिए स्वयं को प्रस्तुत कर रहा हूं। इन्हें ‘अपने-अपने राम’ सत्र में भेजें, ताकि इनका मनस्ताप शांत हो।”

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