लखीमपुर हिंसा: ‘ट्रायल पूरा करने में लगेंगे कम से कम 5 साल’, सेशन कोर्ट की रिपोर्ट

लखीमपुर खीरी। यूपी के लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा को फिलहाल सुप्रीम कोर्ट से भी जमानत नहीं मिल सकी। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए 19 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दी है। वहीं, सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में सेशन कोर्ट ने कहा कि ट्रायल पूरा करने में कम से कम 5 साल लगेंगे।

आशीष मिश्रा ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के जमानत रद्द करने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सुनवाई के दौरान यूपी सरकार ने जानकारी दी कि सभी आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए जा चुके हैं। इस मामले को लेकर पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने एडिशनल जज से सवाल किया था कि लखीमपुर मामले में ट्रायल में कितना समय लगेगा। इसके जवाब में जानकारी दी गई कि न्यायाधीश लखीमपुर खीरी की रिपोर्ट कहती है कि मुकदमे को पूरा होने में तकरीबन 5 साल लगेंगे।

इससे पहले सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि पहले इस मामले में निचली अदालत में आरोप तय हो जाने दिया जाए, उसके बाद जमानत याचिका पर सुनवाई होगी। जिसके बाद 6 दिसंबर 2022 को लखीमपुर की एडीजे कोर्ट ने आशीष मिश्रा समेत सभी 14 अभियुक्तों पर आरोप तय कर दिए हैं।

बता दें उत्तर प्रदेश के लखीमपुर जिले के तिकुनिया थाना क्षेत्र में 3 अक्टूबर 2021 को हिंसा हुई थी। आरोप है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा ने जीप से प्रदर्शनकारी किसानों को कुचल दिया था। इस दुर्घटना में चार लोगों की मौत हो गई थी। मामले में हिंसा भड़कने के बाद 8 लोगों की जान गई थी।

ये आरोपी हैं शामिल
निचली अदालत ने लखीमपुर खीरी में किसानों को कुचलने के मामले में मिश्रा और 12 अन्य के खिलाफ हत्या, आपराधिक साजिश और अन्य अपराधों में आरोप तय किए थे, जिससे सुनवाई की शुरुआत का रास्ता साफ हो गया था। मामले के अन्य आरोपियों में अंकित दास, नंदन सिंह बिष्ट, लतीफ काले, सत्यम उर्फ ​​सत्य प्रकाश त्रिपाठी, शेखर भारती, सुमित जायसवाल, आशीष पांडेय, लवकुश राणा, शिशु पाल, उल्लास कुमार उर्फ ​​मोहित त्रिवेदी, रिंकू राणा और धर्मेंद्र बंजारा शामिल हैं। सभी आरोपी फिलहाल जेल में हैं।

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