दिल्ली। मायापुरी थाने के एएसआई शंभू दयाल पर आरोपी अनीस ने चाकू से ताबड़तोड़ वार किए थे। इसका सीसीटीवी अब वायरल हुआ है। इसमें बहादुर एएसआई शंभू द्वारा पकड़े गए अनीस चाकू के करीब एक दर्जन वार करता दिखाई दे रहा है। इस दौरान किसी ने मदद नहीं की लेकिन एएसआई ने अपनी जान की परवाह ना करते हुए भागने की कोशिश करते अनीस को पकड़ लिया। बाद में इलाज के दौरान अस्पताल में एएसआई शंभू दयाल की मौत हो गई।
पश्चिमी दिल्ली के मायापुरी फेज वन की झोपड़ी निवासी एक महिला ने पिछले बुधवार को पुलिस में शिकायत की कि एक व्यक्ति ने उसके पति का मोबाइल फोन छीन लिया और उन्हें धमकी दी है। एएसआई शंभू दयाल तुरंत रेवाड़ी लाइन के पास झुग्गी में पहुंचे। उन्होंने अनीस नाम के आरोपी को पकड़ लिया। जब वह अनीस को थाने ला रहे थे, रास्ते में उसने चाकू से ताबड़तोड़ वार कर दिए। घटना का पूरा वीडियो सीसीटीवी में कैद हो गया। 2 मिनट 5 सेकेंड की फुटेज में ASI शंभूलाल दयाल सफेद शर्ट पहने आरोपी को पकड़े पुलिस स्टेशन की ओर जा रहे हैं। उनके साथ भीड़ भी चल रही है। तभी शंभूलाल कुछ देर के लिए रुकते हैं और भीड़ की ओर पीछे मुड़कर देखते हैं। उसी दौरान आरोपी अनीश अपनी जेब से एक नुकीली चीज निकालता है और शंभूलाल पर पीछे से वार कर देता है। फुटेज में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि शंभूलाल इस वार के बाद अनीश से डंडे की मदद से उलझते हैं लेकिन अनीश उन पर लगातार चाकू से वार कर रहा है।
चाकू से होते रहे वार लोग बने रहे मूकदर्शक
मायापुरी में तैनात ASI शंभू ने बड़ी बहादुरी से उसे पकड़े रखा। बदमाश के हमले में खून बहने लगा लेकिन शंभू ने उसे भागने का मौका नहीं दिया। अनीस भागा पर खून से लथपथ एएसआई शंभू दयाल ने दूसरे पुलिसकर्मियों की मदद से उसे पकड़ लिया। अनीस ने उन पर चाकू के करीब एक दर्जन वार किए। आरोपी ने भीड़ की ओर चाकू लहराते हुए धमकी दी कि अगर किसी ने उसे पकड़ने की कोशिश की तो वह उसे भी मार देगा। भीड़ पीछे हट गई। बाद में इलाज के दौरान 8 जनवरी की सुबह इस जांबाज ने दुनिया को अलविदा कह दिया।
एएसआई की अंतिम यात्रा निकली तो दिल्ली पुलिस के कमिश्नर संजय अरोड़ा, स्पेशल पुलिस कमिश्नर सागर प्रीत हुड्डा, जॉइंट पुलिस कमिश्नर चिन्मय बिस्वाल और डीसीपी घनश्याम बंसल ने अर्थी को कंधा दिया। जिसने भी यह दृश्य देखा पुलिसवाले की बहादुरी को सैल्यूट करते हुए सीना गर्व से चौड़ा हो गया कि हमारी पुलिस में ऐसे बहादुर जवान हैं।
सिपाही भर्ती हुए थे शंभू दयाल
शंभू मूलरूप से राजस्थान के सीकर जिले के रहने वाले थे। वह 5 फरवरी 1993 को सिपाही के तौर पर दिल्ली पुलिस में भर्ती हुए थे। 30 साल की सेवा के दौरान वह कई विभागों में रहे। उनके परिवार में पत्नी संजना, दो बेटी और एक बेटा है। परिवार विजय एनक्लेव इलाके में रहता है।
भीड़ कर लेती साहस तो जिंदा होते एसआई शंभूलाल दयाल
एसआई शंभूलाल दयाल जैसा साहस भीड़ में किसी ने भी साहस नहीं दिखाया। अगर भीड़ में से किसी एक ने भी हिम्मत दिखाई होती तो शायद आज शंभूलाल जिंदा होते। वीडियो देखने से पता चल रहा है कि पूरी भीड़ एक अपराधी की धमकी मात्र से डर गई। वहीं एएसआई शंभूलाल उससे मजबूती के साथ लोहा ले रहे थे।अपराध और अपराधियों का मुकाबला करने में पुलिस तभी कामयाब होगी जब ऐसे मौकों पर आम लोग उनकी मदद करें।
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