JNU की पूर्व छात्रा शहला रशीद की बढ़ी मुश्किल, सेना के खिलाफ विवादित ट्वीट करने पर चलेगा मुकदमा

दिल्ली। भारतीय सेना के खिलाफ किए गए ट्वीट के मामले में जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (JNUSU) की पूर्व उपाध्यक्ष शेहला राशिद की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं। दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने जेएनयू की पूर्व छात्रसंघ उपाध्यक्ष शेहला रशीद पर मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है।

कश्मीर निवासी शेहला ने 18 अगस्त 2019 को भारतीय सेना को लेकर दो विवादित ट्वीट किए थे। पहला ट्वीट उन्होंने 18 अगस्त को 12 PM पर किया था। इसमें उन्होंने लिखा, ‘आर्म्ड फोर्सेज रात के समय घरों में घुसती है, लड़कों को उठा लेती है, जानबूझकर राशन जमीन पर फेंक दिया जाता है, तेल को चावल में मिला दिया जाता है।’ दूसरे ट्वीट में लिखा था, ‘शोपियां में 4 लोगों को सेना के कैंप में बुलाया गया, पूछताछ (प्रताड़ित) की गई। एक माइक को उनके करीब रखा गया जिससे पूरे इलाके के लोगों को उनकी चीखें सुनाई दें और वे दहशत में रहें। ऐसा कर पूरे इलाके में खौफ का माहौल बनाया गया।’

इस मामले में भारतीय सेना ने शहला रशीद के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा था कि ये आरोप आधारहीन हैं। सेना ने कहा था कि ऐसी फेक न्यूज और अपुष्ट जानकारियां शत्रुता की भावना से फैलाई जाती हैं। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट के वकील अलख आलोक श्रीवास्तव की शिकायत के आधार पर 03.09.2019 को एफआईआर दर्ज की गई थी। इसके अलावा शेहला पर उनके पिता ने ही भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया था। उसके पिता अब्दुल राशिद शोरा ने आरोप लगाया था कि उन्हें अपनी बेटी से जान का खतरा है। इस संबंध में उन्होंने जम्मू-कश्मीर के डीजीपी को चिट्ठी भी लिखी थी।

JNU छात्र संघ की उपाध्यक्ष रही हैं शेहला
फरवरी, 2016 में जब जेएनयू में एक कार्यक्रम के दौरान देश-विरोधी नारे लगे थे, तब शेहला राशिद जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की उपाध्यक्ष थीं और कन्हैया कुमार अध्यक्ष थे। देश विरोधी नारों के आरोप में घिरे कन्हैया को जेल तक जाना पड़ा था, लेकिन शेहला बची रहीं। इस दौरान वह कन्हैया कुमार समेत विश्वविद्यालय के अन्य छात्रों पर आरोप लगने को लेकर मुखर रहीं थीं। उन्होंने कई मंचों पर कन्हैया कुमार पर लगे आरोपों का खंडन किया। साथ ही विरोधी गुट के छात्र संगठन को कटघरे में खड़ा किया था।

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