दिल्ली/आगरा। दिल्ली के सुल्तानपुरी के कंझावला कांड में गवाह के तौर पर पेश की जा रही निधि दो वर्ष पहले आगरा में 10 किलोग्राम गांजे के साथ पकड़ी जा चुकी है। जीआरपी ने उसके साथ रेलवे स्टेशन से दो युवकों को भी पकड़ा था। उनसे भी 10-10 किलोग्राम गांजा मिला था। जिस युवक ने गांजा मंगवाया था, उसका दो वर्ष में भी पुलिस पता नहीं कर सकी है।
सुल्तानपुरी में 20 वर्षीय अंजली को बलेनो कार से कई किलोमीटर तक घसीटकर मारने की घटना के चश्मदीद के रूप में निधि का नाम पुलिस की जांच में सामने आया था। पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि निधि पूर्व में आगरा में नशीले पदार्थों की तस्करी के मामले में पकड़ी गई थी। इसके बाद सामने आया कि वह आगरा कैंट रेलवे स्टेशन पर वर्ष 2020 में पकड़ी गई थी। इंस्पेक्टर आगरा कैंट देवेंद्र सिंह ने बताया कि 6 दिसंबर 2020 को निधि को 10 किलोग्राम गांजे के साथ स्टेशन के फुट ओवर ब्रिज के पास से पकड़ा गया था। उसके साथ दो युवक उत्तर पश्चिम दिल्ली के अमर विहार निवासी रवि कुमार और भाग्य विहार निवासी समीर उर्फ माही भी गिरफ्तार हुए। दोनों युवकों से भी 10-10 किलोग्राम गांजा बरामद हुआ था।
चौंकाने वाले खुलासे में सामने आया है कि साल 2020 में निधि तेलंगाना से ट्रेन से गांजा लेकर आगरा रेलवे स्टेशन पर पहुंची थी, जहां 6 दिसंबर 2020 को उसे गिरफ्तार किया गया था। साल 2020 में निधि के साथ समीर और रवि नाम के लड़के भी गिरफ्तार हुए थे। पुलिस ने उस वक्त निधि के पास से गांजा बरामद किया था उसका वजन 10 किलो था। फिलहाल खुद को अंजलि की दोस्त बताने वाली निधि जमानत पर बाहर है। कंझावला मामले को लेकर युवती के साथ मौजूद उसकी सहेली निधि ने कहा था कि वह स्कूटी से गिरने के बाद डर के कारण मौके से भाग गई थी।
पुलिस को दीपक की तलाश
निधि ने बताया था कि वह और उसके दोनों साथी दिल्ली निवासी दीपक के कहने पर वह तेलंगाना से गांजा लेकर ट्रेन से दिल्ली जा रहे थे। कैंट पर दूसरी ट्रेन में बैठने के लिए रुके थे। दूसरी ट्रेन में बैठने से पहले ही वे पुलिस की पकड़ में आ गए। तीनों काे कोर्ट के आदेश पर जेल भेजा गया था। जमानत पर वे कब रिहा हुए हैं? इसकी जानकारी की जा रही है। दीपक का पता और मोबाइल नंबर नहीं मिला है। उसकी काफी तलाश की गई, लेकिन अभी तक कोई जानकारी नहीं हो सकी है।
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