जोशीमठ। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जोशीमठ में रह रहे करीब 600 परिवारों को तत्काल वहां से निकालने का आदेश दिया है। उन्होंने प्रभावितों को आश्वस्त किया कि सरकार उनके साथ खड़ी है और चरणबद्ध ढंग से संवेदनशील जगहों से सबको शिफ्ट किया जाएगा।
शुक्रवार देर रात तक सीएम ने अधिकारियों से जोशीमठ की स्थिति और सुरक्षा-बचाव के हर मुमकिन कदम पर बारीकी से मंथन किया। सीएम ने अधिकारियों को दो टूक कहा कि जोशीमठ का धार्मिक एवं सांस्कृतिक महत्व है। यहां होने वाले कार्यों को आपदा प्रबंधन के नियमों के तहत कराया जाए। लोगों की आजीविका प्रभावित न हो, इसका विशेष तौर पर ख्याल रखा जाए।
सीएम ने प्रभावितों की मदद के लिये एसडीआरएफ तथा एनडीआरएफ की पर्याप्त व्यवस्था करने व आवश्यकता पड़ने पर हेली सेवा का इंतजाम रखने के निर्देश भी दिए। कहा कि तात्कालिक एक्शन प्लान के साथ ही दीर्घकालीन कार्यों में भी लंबी प्रक्रिया को समाप्त करते हुए डेंजर जोन के ट्रीटमेंट, सीवर तथा ड्रेनेज जैसे कार्य को जल्द से जल्द पूरा किया जाए। इसमें सरलीकरण त्वरित कार्रवाई सबसे बड़ा मूलमंत्र होना चाहिए।
सीएम ने चिकित्सा उपचार की सभी सुविधाओं की उपलब्धता पर जोर देते हुए कहा कि जरूरी होने पर एयरलिफ्ट की सुविधा का भी इंतजाम करें। मौके पर एसीएस राधा रतूड़ी, डीजीपी अशोक कुमार, सचिव शैलेश बगौली, सचिन कुर्वे, दिलीप जावलकर, पुलिस महानिरीक्षक- एसडीआरएफ रिद्विम अग्रवाल आदि मौजूद रहे।
छह माह तक किराया देगी सरकार
जोशीमठ भू-धंसाव की वजह से बेघर हुए लोगों को सरकार छह महीने तक चार हजार रुपये प्रतिमाह का भुगतान करेगी। जिला प्रशासन ने इसकी शुरुआत कर दी है। दरअसल, राज्य सरकार ने दो सितंबर 2020 को एक आदेश जारी किया था, जिसके तहत बेघर हुए लोगों को किराये के मकान में रहने के लिए चार हजार रुपये प्रति परिवार की दर से छह माह तक मुख्यमंत्री राहत कोष से देने का निर्णय लिया गया था। इसी आधार पर चमोली के डीएम हिमांशु खुराना ने सचिव आपदा प्रबंधन को पत्र भेजकर सीएम राहत कोष से भुगतान कराने की स्वीकृति मांगी थी। सचिव आपदा प्रबंधन डॉ.रंजीत सिन्हा ने बताया कि नियमानुसार जिला प्रशासन ने राशि का भुगतान शुरू कर दिया है।
एसडीआरएफ व एनडीआरएफ अलर्ट पर रहे
सीएम ने प्रभावितों की मदद के लिए एसडीआरएफ तथा एनडीआरएफ को अलर्ट पर रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आवश्यकता पड़ने पर हेली सेवा की उपलब्धता सुनिश्चित हो। मानसून से पहले जोशीमठ में सीवरेज ड्रेनेज आदि के कार्य पूरे कर लिए जाएं।
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