गाजियाबाद। टीला मोड़ थाना पुलिस ने नव वर्ष की पूर्व संध्या पर लापता दोहरे हत्याकांड का खुलासा कर छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। केमिकल फैक्ट्री के मालिक ने दोनों की हत्या कराई थी। दोनों दोस्त केमिकल फैक्ट्री मालिक से अक्सर रुपए मांगते थे। इनकार पर पॉल्यूशन फैलाने के आरोप में फैक्ट्री बंद कराने की धमकी देते थे।
डीसीपी दीक्षा शर्मा ने बताया कि संजीव उर्फ संजय कसाना की जमीन पर केमिकल फैक्ट्री है। इस फैक्ट्री में तार भी गलाया जाता है। फैक्ट्री मालिक जनक सिंह है। इस फैक्टरी से गांव के लोग परेशान थे। वे फैक्ट्री बंद करवाना चाहते थे। गौरव और दुर्गेश खुलकर फैक्टरी का विरोध कर रहे थे। दोनों 29 दिसंबर की रात फैक्टरी पर गए थे। फैक्ट्री मालिक को चेतावनी देकर आए थे फैक्ट्री बंद नहीं की तो अच्छा नहीं होगा। इस पर भी फैक्ट्री चलती रही तो वे फिर से 31 की रात पहुंचे। जनक सिंह ने पूछताछ में बताया है कि दुर्गेश और गौरव कसाना अक्सर उससे रुपए मांगते थे। रुपए न देने पर फैक्ट्री को प्रदूषण के आरोप में बंद कराने की धमकी देते थे।
एक दोस्त को गोली मारी, दूसरे की गर्दन काटी
31 दिसंबर की रात विवाद बढ़ा तो जनक सिंह ने फोन करके जमीन मालिक संजीव कसाना और विनोद कसाना को बुला लिया। ये दोनों भी मौके पर आ गए। तभी जनक सिंह ने तमंचे से और संजीव कसाना ने बंदूक से गौरव को गोली मार दी। जबकि विनोद कसाना ने दुर्गेश कसाना की गर्दन फरसे से काट दी। दोनों की हत्या करने के बाद फैक्ट्री के मजदूरों से लाशों को आधा किलोमीटर दूर खेतों में फिंकवा दिया। दोनों की पहचान छिपाने के लिए चेहरे तेजाब से झुलसा दिए थे। खेतों में शव फेंकने के बाद घास और लकड़ी से ढक दिए थे। शवों को खेत तक चारपाई से ले जाया गया था। इसके बाद चारपाई में आग लगा दी थी। पुलिस ने आरोपियों से बंदूक, तमंचा और दुर्गेश की बाइक बरामद की है। बाइक से ही गौरव और दुर्गेश फैक्टरी पर गए थे।
ये हैं आरोपी
मूल रूप से राजस्थान के भरतपुर निवासी फैक्ट्री संचालक जनक सिंह काफी समय से दिल्ली के हर्ष विहार में रहता है। जबकि संजीव कसाना कोतवालपुर गांव का है। इसी गांव में फैक्टरी है। उसका चचेरा भाई विनोद फरार है। शव ठिकाने लगाने वाले मजदूर बरेली के गांव बैवाही के पिंटू, वीरेंद्र, सुखवीर और अनुज हैं। पुलिस ने जनक सिंह, संजीव और चारों मजदूरों को गिरफ्तार किया है।
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