मुंबई। मुंबई की एक अदालत ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता किरीट सोमैया की पत्नी मेधा सोमैया की मानहानि की एक शिकायत की सुनवाई में भाग न लेने के लिए शिवसेना नेता संजय राउत के खिलाफ शुक्रवार को गैर-जमानती वारंट जारी किया। मेधा सोमैया ने राउत के खिलाफ मानहानि की शिकायत दर्ज कराई थी।
शिवड़ी मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने शिकायतकर्ता के बयान दर्ज करने के बाद वारंट जारी किया और मामले की अगली सुनवाई के लिए 24 जनवरी की तारीख तय की। मेधा सोमैया के वकील ने कहा कि अदालत के आदेश के बावजूद राउत पेश नहीं हुए। जुलाई 2022 में मझगांव में मेट्रोपोलियन कोर्ट ने राउत के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया था। सोमैया ने यह दावा करते हुए अदालत का रुख किया था कि राउत ने निराधार और अपमानजनक आरोप लगाए कि उन्होंने और उनके पति ने मुंबई के समीप मीरा भायंदर इलाके में सार्वजनिक शौचालय के निर्माण और देखरेख में 100 करोड़ रुपये का घोटाला किया।
उद्धव ठाकरे गुट के नेता हैं संजय
मेधा सोमैया ने राउत के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 499 (आपराधिक मानहानि) के तहत मामला दर्ज कराया। संजय राउत शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट के नेता हैं।
पात्रा चॉल मामले में हाल ही में हुए थे रिहा
शिवसेना सांसद हाल ही में पात्रा चॉल भूमि घोटाला मामले में रिहा हुए थे। प्रवर्तन निदेशालय के एक्शन के बाद अगस्त 2022 में उन्हें गिरफ्तार किया गया था। उन पर गोरेगांव स्थित चॉल के पुनर्विकास कार्य में आर्थिक अनियमितताओं के आरोप लगे थे। कहा जा रहा था कि उन्होंने प्रवीण राउत नाम के बिचौलिए की मदद से रुपये हासिल किए थे।
28 जून 2022 में राउत को मामले में पूछताछ के लिए ईडी ने समन किया था। 1 अगस्त को गिरफ्तार होने के बाद से ही उन्हें आर्थर रोड जेल में रखा गया था। खास बात है उसी जेल में महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख और पूर्व मंत्री नवाब मलिक भी बंद थे। केंद्रीय जांच एजेंसी ने राज्यसभा सांसद की पत्नी वर्षा राउत को भी पूछताछ के लिए बुलाया था।
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