दिल्ली। दिल्ली के कंझावला कांड में नया ट्विस्ट आया है। पुलिस की जांच में खुलासा हुआ है कि वारदात के वक्त कार में 5 लोग नहीं, बल्कि 4 लोग सवार थे क्योंकि आरोपी दीपक घटना के वक्त कार में नहीं था।
अमित के पास लाइसेंस नहीं था इसलिए दीपक ने दिखाया कि वो गाड़ी चला रहा था। दीपक की लोकेशन से पता लगा कि वो एक्सीडेंट के वक्त अपने घर पर मौजूद था। पुलिस की जांच में ये चौंकाने वाली बात सामने आई है कि अपने चचेरे भाई अमित खन्ना को बचाने के लिए दीपक ने झूठी कहानी रची जिसमें उसने पुलिस को फोन कर ये बताया कि कार अमित नहीं बल्कि वो खुद चला रहा था जिसके बाद पुलिस ने दीपक को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने जिन पांच लोगों को शुरुआत में आरोपी बनाया है उसमें एक दीपक खन्ना भी है जो ग्रामीण सेवा में ड्राइवर है। आरोपी दीपक के मकान के पहली मंजिल पर रहने वाली महिला का कहना है कि घटना वाले दिन दीपक अपने घर पर ही मौजूद था।
घर से बाहर गया था दीपक
दरअसल, इस घर का दरवाजा कुछ इस तरीके से है कि कोई भी अगर घर में एंट्री करेगा तो महिला पहली मंजिल पर रहती है पहले वह दरवाजा खोलती हैं फिर दीपक अपने घर में जा पाता है। महिला के मुताबिक 31 दिसंबर की रात 10:45 बजे दीपक घर आया था। दरवाजा इसी महिला ने खोला था। इसके बाद 3:30 बजे कोई दीपक को बुलाने आया और दीपक को अपने साथ ले गया। शुरुआत में यह बात सामने आई थी कि गाड़ी दीपक चला रहा था लेकिन बाद में पता चला कि गाड़ी अमित चला रहा था पुलिस को गुमराह करने के लिए यह झूठ आरोपियों ने पुलिस के सामने बोला था।
बलेनो कार का मालिक आशुतोष गिरफ्तार
दिल्ली पुलिस ने वारदात में इस्तेमाल बलेनो कार के मालिक आशुतोष को गिरफ्तार कर लिया है। उसकी गिरफ्तारी यमुना पार इलाके से हुई है। दिल्ली पुलिस को अब सातवें आरोपी अंकुश खन्ना की तलाश है जो आरोपी अमित खन्ना का भाई है। अंकुश खन्ना पर आरोप है कि उसके कहने पर ही दीपक ने झूठी कहानी रची है। यानि इस मामले में अब तक 6 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। पहले पांच आरोपियों की गिरफ्तारी हुई थी। रोहिणी कोर्ट ने उन पांचों आरोपियों की पुलिस रिमांड 4 दिन और बढ़ा दी है।
मोबाइल फोन अभी तक नहीं मिला
विशेष आयुक्त सागर प्रीत हुड्डा ने बताया कि अभी तक केवल अंजलि की स्कूटी पुलिस बरामद हुई है जबकि उसका मोबाइल फोन अभी भी पुलिस के हाथ नहीं लगा है। अंजलि के निधि के साथ दोस्ती के मामले पर हुड्डा ने कहा कि 29 दिसंबर से लेकर 31 दिसंबर के बीच उनके बीच 25 से 30 बार बातचीत हुई है। दोस्ती थी या नहीं थी ये उनका निजी मामला है लेकिन सीडीआर रिपोर्ट के आधार पर पुलिस जांच कर रही है।
हुडा ने यह स्पष्ट किया कि जिस तरह से जांच आगे बढ़ रही है, ऐसे में अगर जरूरत पड़ती है तो पुलिस आरोपियों का सच से सामना कराने के परीक्षण की मांग कर सकती है। इसके अलावा दिल्ली पुलिस इस मामले में जल्द निपटारे के लिए त्वरित अदालत जाने की भी मांग करती है। पुलिस इस मामले में जल्द से जल्द आरोप पत्र दाखिल करेगी।
Discussion about this post