गाजियाबाद। टीलामोड़ थाना क्षेत्र के रिस्तल गांव के खेत में दो दोस्तों के शव बरामद हुए हैं। दोनों युवकों के चेहरों को तेजाब से जलाया गया है। ग्रामीणों ने घटना के विरोध में जमकर हंगामा किया और शव नहीं उठाने दिया गया। पुलिस ने ग्रामीणों को समझाकर शांत कराया और शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
रिस्तर गांव के 25 वर्षीय दुर्गेश कसाना और 24 वर्षीय गौरव कसाना दोनों दोस्त थे। गांव में दोनों का घर करीब 200 मीटर की दूरी पर है। दुर्गेश डीजे बजाने का काम करते थे। जबकि गौरव निजी कंपनी में नौकरी करते थे। शनिवार शाम सात बजे दोनों गांव के एक व्यक्ति की बाइक मांगकर रात करीब आठ बजे नए साल का जश्न मनाने के लिए निकले थे। स्वजन ने रात नौ बजे दुर्गेश को फोन किया तो उसने थोड़ी देर में घर लौटने की बात कही, लेकिन 10 बजे के बाद के बाद दोनों का मोबाइल स्विच आफ हो गया।
स्वजन ने दोनों युवकों की काफी तलाश किया लेकिन कहीं उनका सुराग नहीं लगा। सोमवार को स्वजन ने थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई। बुधवार दोपहर तीन बजे खेत में गांव के एक व्यक्ति ने गौरव का शव देखा और स्वजन को सूचना दी। पुलिस के पहुंचने पर आसपास भी देखा गया तो लगभग 700 मीटर की दूरी पर सिती गांव में सरसों के ही खेत में दुर्गेश का शव भी मिल गया। दोनों के शव पर पीटे जाने के निशान थे। गला नीला पड़ा हुआ था। शव देखकर लग रहा था कि उनकी हत्या तीन से चार दिन पहले ही कर दी गई। माना जा रहा है कि 31 की रात को ही उनकी जान ले ली गई। दोनों के चेहरे तेजाब से झुलसे हुए थे।
दोनों के शव मिलने की सूचना पर रिस्तम गांव के लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। शव रखकर लोगों ने प्रदर्शन किया। उनका कहना था कि दोनों की हत्या तार जलाने वाली फैक्टरियों के मालिक ने कराई है। तार जलने से निकलने वाले धुएं से गांव के लोगों का सांस लेना तक दूभर हो जाता है। गौरव और दुर्गेश फैक्टरियों को अवैध बताते हुए उनके खिलाफ अभियान चला रहे थे। फैक्टरी बंद कराने के लिए प्रशासन से शिकायत भी कर चुके थे। लोगों ने पुलिस से कहा कि इसी रंजिश में उनकी हत्या की गई है। मांग रखी कि फैक्टरी मालिक को तुरंत गिरफ्तार किया जाए। इसी मांग पर उनकी पुलिस से नोंकझोंक भी हुई। बाद में पुलिस अफसरों ने निष्पक्ष और त्वरित कार्रवाई का आश्वासन दिया। तब जाकर हंगामा थमा और युवकों के शव उठाए गए। फिलहाल दोनों युवकों के मोबाइल और बाइक नहीं मिली है।
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