मुंबई। शिवाजी महाराज के पुत्र संभाजी महराज को लेकर चल रहे विवाद में राज्य के बड़े राजनीतिक घराने पवार परिवार की राय बंटी नजर आ रही है। एक ओर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने भतीजे अजित पवार की बात काटकर प्रतिक्रिया दी है। वहीं, उनकी बेटी अजित के बचाव में उतरी हैं।
शरद पवार ने कहा कि लोग संभाजी महाराज को ‘धर्मवीर’ या ‘स्वराज रक्षक’ कहने के लिए स्वतंत्र हैं। उन्होंने कहा कि शिवाजी महाराज के निधन के बाद जब हर जगह हमले हो रहे थे, तब संभाजी महाराज ने राज्य की बहादुरी से रक्षा की। उन्होंने कहा, ‘संभाजी महाराज का योगदान बहुत बड़ा है, तो उसपर कभी भी बहस नहीं होनी चाहिए।’ शरद पवार ने इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के राजनीतिक गुरु दिवंगत आनंद दिघे का जिक्र भी किया। उन्होंने कहा कि कुछ लोग उन्हें धर्मवीर कहते हैं। इस पर हमें कोई आपत्ति नहीं है।
वहीं शरद पवार के बेटी सुप्रिया सुले ने अजित का समर्थन किया है। इसके अलावा लोकसभा सांसद डॉक्टर अमोल कोल्हे ने भी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के समर्थन की बात कही है। एनसीपी नेता ने कहा, ‘संभाजी महाराज ने कभी भी एक जाति और धर्म के लिए काम नहीं किया, बल्कि उनके काम सभी जातियों और धार्मिक लोगों के लिए थे। इसलिए उन्हें किसी एक धर्म में बांधना गलत होगा।’
गौरतलब है कि ये विवाद पिछले महीने तब शुरू हुआ था जब पवार के भतीजे और एनसीपी के वरिष्ठ नेता अजीत पवार ने महाराष्ट्र विधानसभा में कहा था कि छत्रपति शिवाजी महाराज के सबसे बड़े पुत्र संभाजी ‘स्वराज्य-रक्षक’ थे, न कि ‘धर्मवीर’। जिसके बाद भाजपा ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी थी। भाजपा ने इसे संभाजी महाराज का अपमान बताया था। इसके बाद एनसीपी नेता जितेंद्र आव्हाड ने बयान दिया था कि औरंगजेब क्रूर था लेकिन हिंदू विरोधी नहीं था। उनके इस बयान के बाद भाजपा ने जितेंद्र आव्हाड के खिलाफ भी हल्ला बोला है।
राम कदम ने कहा- आदित्यजी, आप भी खामोश?
एनसीपी नेताओं के इस बयान पर बीजेपी नेता राम कदम ने प्रहार किया। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, “छत्रपति शिवाजी महाराज जी को कैद करने वाला, 46 लाख हिंदुओं का हत्यारा, काशी, मथुरा, सोमनाथ समेत देश में लाखों हिंदू मंदिरों को ध्वस्त करनेवाला, पिता को भी कैद में डालनेवाला, खुद के भाई की निर्ममता से क्रूर हत्या करनेवाला, हिंदुओ पर जज़िया कर लगाने वाला, गुरु तेग बहादुर और छत्रपति संभाजीराजे जी की अमानवीय, निर्ममता और क्रूरता से सिर कलम कर के हत्या करनेवाला औरंगजेब, राष्ट्रवादी दल के नेताओं का मानना है कि वो क्रूर नहीं, बल्कि महान योद्धा है? उद्धव जी, क्या आपको यह स्वीकार है? आदित्यजी, आप भी खामोश? इन्हीं कारणों से शेष बचे हुए बालासाहेब के कार्यकर्ता यह कभी भी स्वीकार नहीं करेंगे, जल्द ही वे एकनाथ शिंदे जी हाथ थामेंगे।”
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