रांची। झारखंड की निलंबित महिला आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल को मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट से एक महीने के लिए अंतरिम जमानत मिल गई है। उन्हें यह जमानत मेडिकल ग्राउंड पर मिली है। सिंघल को गिरफ्तारी के सात माह 23 दिन बाद यह अंतरिम जमानत मिली है।
2000 बैच की भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) की अधिकारी पूजा सिंघल को 11 मई को प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया था। उनके ऊपर मनरेगा योजना में कथित अनियमितता करने का गंभीर आरोप है। ईडी की छापेमारी में उनके सीए सुमन कुमार के कार्यालय से 19 करोड़ बरामद हुए थे। फिलहाल इस मामले में निचली अदालत में ट्रायल चल रहा है। हालांकि, जमानत के लिए यह शर्त रखी गई है कि उन्हें दिल्ली में ही रहना होगा और वह एनसीआर से बाहर कदम नहीं रख सकती हैं। वह तब तक रांची में भी नहीं जा सकती, जब तक कि वहां सुनवाई नहीं होती है।
इस दौरान न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति अभय एस ओका की पीठ ने प्रवर्तन निदेशालय को सिंघल की मुख्य जमानत याचिका पर तीन सप्ताह में जवाब देने का भी निर्देश दिया है। एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग जांच एजेंसी की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू ने कहा कि आईएएस सिंघल की याचिका को गलत ठहराते हुए कहा कि इसमें कोई दम नहीं है।
बीमार बेटी की देखभाल के लिए मिली जमानत
उच्चतम न्यायालय ने पूजा सिंघल को अपनी बीमार बेटी की देखभाल के लिए एक महीना के लिए अंतरिम जमानत दी है। न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति अभय एस ओका की पीठ ने प्रवर्तन निदेशालय को सिंघल की मुख्य जमानत याचिका पर तीन सप्ताह में जवाब देने का भी निर्देश दिया। ईडी की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू ने कहा कि याचिका गलत है और इसमें कोई दम नहीं है। कानून अधिकारी ने कहा कि मैं इस तरह की दलीलों का विरोध करने वाला आखिरी व्यक्ति होऊंगा।
11 मई से हिरासत हैं पूजा सिंघल
पूजा सिंघल 11 मई से उनसे जुड़ी संपत्तियों पर छापेमारी के बाद से हिरासत में हैं। ईडी ने राज्य के खान विभाग के पूर्व सचिव सिंघल पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया है और कहा है कि उनकी टीम ने दो अलग-अलग मनी लॉन्ड्रिंग जांचों के तहत कथित अवैध खनन से जुड़े 36 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी जब्त की है।
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