मुंबई। महाराष्ट्र में एतिहासिक शख्सियतों को लेकर एक बार फिर से राजनीति गरमा गई है। इस बार निशाने पर एनसीपी के नेता अजित पवार और जितेंद्र आह्वाड हैं। एनसीपी नेता जितेंद्र आह्वाड ने सोमवार को अजित पवार के बयान का बचाव करते हुए कहा था कि मुगल बादशाह औरंगजेब हिंदू विरोधी नहीं था। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने एनसीपी नेता के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि एनसीपी औरंगजेब की तारीफ कर रही है और संभाजी महाराज का अपमान कर रही है।
जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि औरंगजेब ने हिंदू मंदिर नहीं तोड़ा। उन्होंने कहा, “उन्हें (छत्रपति संभाजी महाराज) बहादुरगढ़ लाया गया जहां उनकी आंखें निकाल दी गईं। बहादुरगढ़ किले के करीब एक विष्णु मंदिर था। अगर औरंगजेब क्रूर या हिंदू विरोधी होता तो वह उस मंदिर को भी तोड़ देता।” पिछले हफ्ते विधानसभा में अजित पवार ने कहा था कि छत्रपति संभाजी महाराज ‘धर्मवीर’ (धर्म के रक्षक) नहीं थे।
वहीं एनसीपी नेता के बयान पर पलटवार करते हुए महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि एनसीपी छत्रपति संभाजी महाराज का अपमान कर रही है और औरंगजेब की तारीफ कर रही है। औरंगजेब ने महाराष्ट्र में कई मंदिरों को तोड़ा और महिलाओं पर अत्याचार किया।
राम कदम ने कहा- आदित्यजी, आप भी खामोश?
एनसीपी नेताओं के इस बयान पर बीजेपी नेता राम कदम ने प्रहार किया। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, “छत्रपति शिवाजी महाराज जी को कैद करने वाला, 46 लाख हिंदुओं का हत्यारा, काशी, मथुरा, सोमनाथ समेत देश में लाखों हिंदू मंदिरों को ध्वस्त करनेवाला, पिता को भी कैद में डालनेवाला, खुद के भाई की निर्ममता से क्रूर हत्या करनेवाला, हिंदुओ पर जज़िया कर लगाने वाला, गुरु तेग बहादुर और छत्रपति संभाजीराजे जी की अमानवीय, निर्ममता और क्रूरता से सिर कलम कर के हत्या करनेवाला औरंगजेब, राष्ट्रवादी दल के नेताओं का मानना है कि वो क्रूर नहीं, बल्कि महान योद्धा है? उद्धव जी, क्या आपको यह स्वीकार है? आदित्यजी, आप भी खामोश? इन्हीं कारणों से शेष बचे हुए बालासाहेब के कार्यकर्ता यह कभी भी स्वीकार नहीं करेंगे, जल्द ही वे एकनाथ शिंदे जी हाथ थामेंगे।”
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