वाशिंगटन। नया साल पिछले वर्षों के की तुलना में आर्थिक दृष्टि से और कठिन साबित होने वाला है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने चेतावनी दी है कि इस साल एक तिहाई दुनिया मंदी की चपेट में होगी। दुनिया की सबसे बड़ी इकॉनमी अमेरिका, यूरोपियन यूनियन और चीन के लिए यह साल बहुत मुश्किल रहने वाला है।
क्रिस्टालिना ने सीबीएस कार्यक्रम ‘फेस द नेशन’ में कहा कि दुनिया की तीनों बड़ी अर्थव्यवस्थाएं चाहे वे अमेरिका हों या यूरोपीय देश हों या चीन…सभी एक साथ धीमे हो रहे हैं। क्रिस्टालिना ने कहा इसका असर काफी गहरा होने वाला है। यहां तक कि जो देश मंदी की चपेट में नहीं भी होंगे, वहां के भी करोड़ों लोगों के लिए 2023 मंदी जैसा महसूस होगा। यूक्रेन में युद्ध और तेजी से बढ़ती ब्याज दरों के बीच आईएमएफ ने अपने वैश्विक विकास पूर्वानुमान को जुलाई में 2.9 प्रतिशत के पूर्वानुमान से घटाकर अक्टूबर में 2.7 प्रतिशत कर दिया था।
जॉर्जीवा ने एक इंटरव्यू में कहा, ‘हमारा अनुमान है कि नए साल में दुनिया की एक तिहाई इकॉनमी मंदी की चपेट में होगी। जो देश मंदी की चपेट में नहीं होंगे, वे भी इसका असर महसूस करेंगे। ऐसे देशों में लाखों पर इसका असर होगा।’ यूक्रेन में चल रही जंग से पूरी दुनिया प्रभावित हुई है। साथ ही महंगाई को रोकने के लिए दुनियाभर के केंद्रीय बैंकों ने ब्याज दरों में इजाफा किया है। इस बीच चीन ने अपनी जीरो कोविड पॉलिसी को खत्म कर दिया है और फिर से इकॉनमी को खोलना शुरू कर दिया है। लेकिन देश में कोरोना अभी काबू में नहीं आया है। चीन के इस कदम से एक बार फिर दुनियाभर में कोरोना के मामले बढ़ने लगे हैं।
क्रिस्टालिना ने कहा कि कोरोना से पहले चीन वैश्विक विकास का लगभग 35 फीसदी योगदान देता था, लेकिन अब की स्थिति देखिए! अब चीन का वैसा दबदबा नहीं रह गया है। सही कहा जाए तो यह साल एशियाई अर्थव्यवस्था के लिए बेहद तनावपूर्ण रहने वाला है। क्रिस्टालिना ने कहा कि जब भी वह एशियाई नेताओं से अर्थव्यवस्था के मुद्दे पर कोई बात करती हैं तो सभी का बस एक ही सवाल होता है- चीन का क्या होगा? क्या चीन फिर से विकास के उच्च स्तर को हासिल कर पाएगा?
चीन का होगा सबसे बुरा हाल
आईएमएफ चीफ ने कहा कि दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी इकॉनमी चीन के लिए 2023 की शुरुआत सबसे खराब होगी। उन्होंने कहा, ‘चीन के लिए अगले कुछ महीने बेहद मुश्किल रहने वाले हैं। इसका चीन की ग्रोथ पर निगेटिव असर होगा। साथ ही उस क्षेत्र और दुनिया पर भी इसका नकारात्मक असर होगा।’ हाल में आए आंकड़ों के मुताबिक साल 2022 के अंत में चीन की इकॉनमी में गिरावट आई है। दिसंबर महीने के लिए पीएमआई (परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स) में लगातार तीसरे महीने गिरावट दर्ज की गई है। चाइना इंडेक्स एकैडमी के मुताबिक दिसंबर में 100 शहरों में मकानों की कीमत में लगातार छठे महीने गिरावट आई। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा कि देश नए दौर में प्रवेश कर रहा है। ऐसे में देश में नए प्रयासों और एकजुटता की जरूरत है।
जॉर्जीवा ने सीधे तौर पर भारत के बारे में कोई अनुमान नहीं जताया है लेकिन उन्होंने कहा कि सभी देशों में मंदी का असर दिखाई देगा। हालांकि आईएमएफ चीफ क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने अक्टूबर में कहा था कि भारत साल 2023 में पूरी दुनिया में अपनी छाप छोड़ेगा। भारत इस कठिन समय के बावजूद मौजूदा अंधकार में एक चमकती हुई जगह कहलाने का हकदार है क्योंकि ये एक तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है। जॉर्जीवा ने कहा था कि भारत संरचनात्मक सुधारों में आगे है और उसने डिजिटलीकरण में एक अद्भुत सफलता हासिल की है।