असम में बाहरी मदरसा शिक्षकों की होगी जांच, थाने में लगानी होगी हाजिरी

हिमंत बिस्वा सरमा

गुवाहाटी। असम की हिमंत सरमा सरकार अब मदरसों के बाद उनके शिक्षकों पर सख्ती बरतने जा रही है। मुख्यमंत्री हिमंत ने कहा है कि राज्य के मदरसों में पढ़ाने के लिए असम के बाहर से आए सभी शिक्षकों को नजदीकी पुलिस थाने में ‘समय-समय पर’ पेश होने के लिए कहा जा सकता है। यह कदम पुलिस द्वारा आतंकवादी संगठन अंसारुल बांग्ला टीम के कथित मॉड्यूल पर नकेल कसने के बाद आया है।

सरमा ने कहा कि मदरसों के लिए एक चेकलिस्ट तैयार की गई है, हालांकि अभी तक हितधारकों के साथ कोई समझौता नहीं किया गया है, लेकिन चीजें सही दिशा में आगे बढ़ रही हैं। उन्होंने कहा कि असम पुलिस मदरसा शिक्षा को “तर्कसंगत” बनाने के लिए राज्य में मुसलमानों के साथ काम कर रही है। उन्होंने कहा, ‘पुलिस महानिदेशक बीजे महंत के निर्देशन में पुलिस मदरसा शिक्षा को युक्तिसंगत बनाने के लिए मुस्लिम समुदाय के साथ काम कर रही है। वे हमें अपना दुश्मन न समझें, बल्कि हम उन्हें हितधारक बनाना चाहते हैं।

मदरसों में मिले थे 51 बांग्लादेशी 
असम में लगभग 3,000 पंजीकृत और अपंजीकृत मदरसे हैं। इन्हीं मदरसों में पुलिस ने बीते दिनों आतंकी मॉड्यूल का पता लगने पर खोज अभियान चलाया था । इस खोज अभियान में मदरसा के प्रचारकों के बीच 51 बांग्लादेशियों की खोज की गई थी।

मदरसों में ‘अच्छा माहौल’ बनाने की कोशिश
सरमा ने कहा कि पुलिस बंगाली मुसलमानों के साथ समन्वय कर रही है, जिनका मदरसों में ‘अच्छा माहौल’ बनाने के लिए शिक्षा के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण है। सरमा ने कहा कि मदरसों में विज्ञान और गणित को भी विषयों के रूप में पढ़ाया जाएगा और शिक्षा के अधिकार का सम्मान किया जाएगा और शिक्षकों का एक डेटाबेस बनाए रखा जाएगा।

Exit mobile version